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    Sita Navami 2025: सीता नवमी पर इस नियम से करें भगवान राम की पूजा, कुंडली से दूर होगा अशुभ ग्रहों का प्रभाव

    सीता नवमी का पर्व हर साल भक्ति भाव के साथ है। यह तिथि माता सीता के जन्म का प्रतीक है। माना जाता है कि ये वही पावन दिन जब देवी सीता का धरती पर अवतरण हुआ था। पंचांग के आधार पर यह पर्व हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है तो आइए इस दिन (Sita Navami 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 24 Apr 2025 12:54 PM (IST)
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    Sita Navami 2025: सीता नवमी व्रत के लाभ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। पंचांग गणना के आधार पर इस साल सीता नवमी का व्रत 5 मई को रखा जाएगा। यह दिन माता सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन (Sita Navami 2025) विधि-विधान से भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से कुंडली में स्थित अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है, तो आइए यहां प्रभु श्रीराम की पूजा विधि जानते हैं।

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    पूजा विधि ( Ram Ji Ki Puja Vidhi)

    • सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
    • पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें और एक वेदी पर लाल या पीले रंगा का वस्त्र बिछाएं।
    • भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें।
    • उन्हें चंदन, अक्षत, धूप, दीप और पीले पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।
    • उन्हें फल, मिठाई और तुलसी दल चढ़ाएं।
    • रामचरितमानस या रामायण के बालकांड का पाठ करें, जिसमें माता सीता के जन्म की कथा वर्णित है।
    • भगवान राम और माता सीता के मंत्रों का जाप करें।
    • भगवान राम के इस मंत्र "श्री राम जय राम जय जय राम" का जप करें।
    • देवी सीता के इस मंत्र: "ॐ श्री सीताये नमः" का जप करें।
    • अंत में आरती करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे।
    • फिर परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटें।
    • इस दिन तामसिक चीजों से दूरी बनाएं।

    सीता नवमी व्रत के लाभ (Sita Navami 2025 Fast Benefits)

    • सीता नवमी के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
    • इस दिन दान-दक्षिणा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
    • ऐसे में क्षमता के अनुसार वस्त्र, भोजन या अन्य जरूरी वस्तुओं का दान कर सकते हैं।
    • अगर आपकी कुंडली में किसी अशुभ ग्रह का प्रभाव है, तो इस दिन भगवान राम और माता सीता की विधिवत पूजा करें। उन्हें लाल फूल अर्पित करें और "ॐ रामभद्राय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। माना जाता है कि इससे ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
    • इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसे में तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उसकी 7 बार परिक्रमा करें।

    सीता नवमी डेट और टाइम (Sita Navami 2025 Date And Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 मई को सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 6 मई को सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल सीता नवमी का व्रत 5 मई को रखा जाएगा।

    सीता नवमी पूजा समय (Sita Navami 2025 Puja Time)

    • पहला पूजा समय - सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक।
    • मध्याह्न पूजा मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक।

    सीता नवमी पूजा मंत्र (Sita Navami 2025 Puja Mantra)

    • श्री जानकी रामाभ्यां नमः ।।
    • ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे रामवल्लभायै धीमहि । तन्न: सीता प्रचोदयात् ।।
    • तौ भगवानु सकल उर बासी। करिहि मोहि रघुबर कै दासी।।

      जेहि कें जेहि पर सत्‍य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।