Singh Sankranti 2025: अगस्त महीने में कब है सिंह संक्रांति? यहां जानें स्नान-दान का शुभ समय
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव की विशेष कृपा मेष राशि (Singh Sankranti 2025 Date) के जातकों पर बरसती है। उनकी कृपा से मेष राशि के जातकों को करियर में मनमुताबिक सफलता मिलती है। संक्रांति तिथि पर काले तिल का दान करने से साधक पर शनिदेव की कृपा बरसती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भाद्रपद महीने का खास महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और राधा अष्टमी प्रमुख हैं। इसके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। इस महीने में ही आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे।
सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद विधिवत सूर्य देव की पूजा करते हैं। इस तिथि पर दान करना बेहद शुभ माना जाता है। आइए, सिंह संक्रांति की डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)
वर्तमान समय में सूर्य देव कर्क राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 16 अगस्त तक रहेंगे। इसके अगले दिन सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव 17 अगस्त को देर रात 02 बजे सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव एक महीने तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे।
यह भी पढ़ें- Raviwar Ke Upay: रविवार के दिन इन कामों से मिलेगी सूर्य देव की कृपा, बढ़ेगा मान-सम्मान
कर्क संक्रांति शुभ मुहूर्त (Singh Sankranti Shubh Muhurat)
सूर्य देव के सिंह राशि में गोचर करने की तिथि पर सिंह संक्रांति मनाई जाएगी। इस प्रकार 17 अगस्त को सिंह संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 11 बजकर 53 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक है। इस समय में साधक स्नान-ध्यान कर सूर्य देव की पूजा एवं साधना कर सकते हैं।
सिंह संक्रांति शुभ योग (Singh Sankranti Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो सिंह संक्रांति पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। सिंह संक्रांति पर अभिजीत मुहूर्त योग का संयोग सुबह 11 बजकर 27 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक है। इसके साथ ही पूर्व रोहिणी नक्षत्र का संयोग है। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 23 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 03 बजकर 56 मिनट से 04 बजकर 40 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 23 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 32 मिनट से 12 बजकर 16 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Surya Antardasha: कितने समय तक चलती है सूर्य की अंतर्दशा और कैसे करें आत्मा के कारक को प्रसन्न?
यह भी पढ़ें: अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।