Shivling Puja: शिवलिंग पूजा में इन बातों का जरूर रखें ध्यान, भोलेबाबा होंगे प्रसन्न
शास्त्रों में शिवलिंग को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। ऐसी भी मान्यता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही शिव जी की कृपा से साधक को पारिवारिक आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं शिवलिंग पर जल चढ़ाने से जुड़े कुछ नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शास्त्रों में वर्णिन मिलता है कि शिवलिंग भगवान शिव का अनंत रूप है। अर्थात इसकी न तो कोई शुरुआत है और न ही कोई अंत। शिवलिंग को भगवान शिव और माता पार्वती के आदि-अनादि एकल रुप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से महादेव प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ये विशेष कार्य कुछ कार्य करते हैं, तो इससे आपको काफी लाभ देखने को मिल सकता है।
इस तरह करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद मंदिर जातक या फिर घर पर ही शिविलंग पूजा करनी चाहिए। सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है। शुद्ध जल में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
इसके बाद अशोक सुंदरी पर जल अर्पित करें और शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाए। इसके बाद शिवलिंग पर अपनी श्रद्धा अनुसार, बेलपत्र, फूल, शहद आदि अर्पित करें और भोग अर्पित करें अंत में घी का दीपक जलाकर आरती करें और दूसरों में प्रसाद बांटें।
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मिलेगी भोलेबाबा की कृपा
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उस जल को अपनी उंगलियों से लेकर अपनी आंखों गले और माथे पर लगाना चाहिए। आसा करने से शिवजी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।इसके साथ ही भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र 3 पत्तों वाला और साबुत होना चाहिए। बेलपत्र को हमेशा चिकनी सतह की तरफ से शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।
रखें इन बातों का ध्यान
शिवलिंग अभिषेक के लिए हमेशा गंगाजल या फिर साफ पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। भूल से भी शिवलिंग पर ऐसा जल अर्पित न करें, जो साफ न हो। ऐसा करने से भोलेनाथ रुष्ट हो सकते हैं। जलाभिषेक के लिए तांबे, पीतल या फिर चांदी के लोटे का इस्तेमाल करना बेहतर माना जाता है।
जल अर्पित करते समय इस बातका ध्यान रखना चाहिए कि शिवलिंंग पर जलधारा पतली और धीमी गति से गिरे। सीधे खड़े होकर नहीं बल्कि बैठकर या थोड़ा-सा झुककर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
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इन गलतियों से नहीं मिलेगा फल
ध्यान रखें कि जल चढ़ाते समय आपके मन में किसी तरह का नकारात्मक विचार नहीं आना चाहिए। इसी के साथ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, शंख, श्रीफल सिंदूर, हल्दी, केतकी, कनेर के फूल, नारियल का पानी व टूटे हुए चावल अर्पित नहीं करने चाहिए। इन गलतियों के कारण आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
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