Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Puja Path Tips: शाम की पूजा में जरूर ध्यान रखें ये बातें, तभी मिलेगा पूरा फल

    Updated: Wed, 21 May 2025 03:45 PM (IST)

    हिंदू धर्म में रोजाना सुबह और शाम के समय पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना जाता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि जिस घर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है वहां सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में चलिए जानते हैं संध्यापूजा का सही समय और इसके नियम।

    Hero Image
    Evening Puja Niyam in hindi (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर व्यक्ति के ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करने के अपने-अपने तरीके होते हैं। हिंदू धर्म में पूजा-अर्चना को ईश्वर तक अपनी प्रार्थना पहुंचाने का एक माध्यम माना गया है। ऐसे में अगर आप शाम के समय पूजा-अर्चना के दौरान इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको पूजा का पूरा फल मिलता है।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कब करनी चाहिए संध्या पूजा

    सूर्योदय के साथ-साथ संध्याकाल जिसे गोधूलि बेला भी कहा जाता है, उसमें भी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना गया है। वेदों और शास्त्रों में इस समय को बहुत ही पवित्र बताया गया है। यह समय दिन और रात की संधि का समय होता है। सूर्य अस्त होने से एक घंटा पहले या सूर्यास्त होने के एक घंटा बाद तक का समय पूजाृपाठ के लिए उत्तम माना गया है। 

    (Picture Credit: Freepik)

    जरूर करें ये काम

    शाम की पूजा के दौरान हाथ-पैर धोकर करनी चाहिए। आप चाहें, तो स्नान भी कर सकते हैं। पूजा स्थान की अच्छे से सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद भोग लाने वाले पात्रों को भी साफ कर लेना चाहिए। शाम की पूजा में मंदिर के साथ-साथ घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जरूर जलाना चाहिए। इससे आपको मां लक्ष्मी की कृपा मिल सकती है।

    यह भी पढ़ें - Masik Durgashtami 2025 Date: शिववास योग में मनाई जाएगी दुर्गा अष्टमी, इस विधि से करें देवी मां की पूजा

    (Picture Credit: Freepik)

    ध्यान रखें ये बातें

    शाम के समय दीपक जलाने के लिए  गाय के घी या फिर तिल के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसी के साथ पूजा के दौरान अपना पूरा मन केवल आराधना में ही लगाएं। इधर-उधर ध्यान भटकने पर आपको पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता।

    पूजा के दौरान वातावरण भी शांत होना चाहिए। इसके साथ ही शाम की पूजा में घंटी बजाना भी शुभ नहीं माना जाता। अगर आप संध्या पूजा में फूल अर्पित कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि इस समय पेड़-पौधों से फूल नहीं तोड़ने चाहिए।

    यह भी पढ़ें - Sawan 2025: सावन आने से पहले भोलेनाथ को इस तरह करें प्रसन्न, जीवनभर मिलेंगे शुभ परिणाम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।