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    Sheetala Ashtami 2024: कौन हैं मां शीतला? यहां जानें इनके बारे में सबकुछ

    सनातन धर्म में चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। यह तिथि मां शीतला को समर्पित है। इस दिन मां शीतला की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और बासी चीजों का भोग लगाया जाता है। क्या आपको पता है कि कौन हैं मां शीतला? अगर नहीं पता तो आइए हम आपको बताएंगे मां शीतला के बारे में।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 27 Mar 2024 04:25 PM (IST)
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    Sheetala Ashtami 2024: कौन हैं मां शीतला? यहां जानें इनके बारे में सबकुछ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sheetala Ashtami 2024: हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इसे बसौड़ा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, होली के आठवें दिन शीतला अष्टमी व्रत किया जाता है। इस अवसर पर मां शीतला की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को रोग से मुक्ति मिलती है और दीर्घ आयु का वरदान प्राप्त होता है। क्या आपको पता है कि कौन हैं मां शीतला? अगर नहीं पता तो आइए हम आपको बताएंगे मां शीतला के बारे में।

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    कौन हैं मां शीतला?

    शास्त्रों के अनुसार, मां शीतला के स्वरूप को कल्याणकारी माना गया है। मां पार्वती का दूसरा स्वरूप हैं मां शीतला। स्कंद पुराण में मां शीतला के स्वरूप और उनकी कथा के बारे में उल्लेख किया गया है। मां शीतला का वाहन गर्दभ है। वह नीम के पत्ते, कलश, सूप और झाड़ू धारण करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से मां शीतला की पूजा करने से साधक जीवन में सदैव निरोग रहता है। साथ ही परिवार के सभी सदस्य बुखार, नेत्र संबंधी रोग और चेचक की बीमारियों से दूर रहते हैं।

    शीतला अष्टमी के दिन लगता है बासी चीजों का भोग

    शास्त्रों की मानें तो शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा करने के बाद उन्हें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। इस भोग को सप्तमी तिथि को बनाया जाता है। मां शीतला के भोग के लिए चावल, पुए और मीठी रोटी समेत आदि चीजें बनाई जाती है।

    शीतला अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त

    चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 01 अप्रैल को रात 09 बजकर 09 मिनट से होगी और इसके अगले दिन 02 अप्रैल को रात 08 बजकर 08 मिनट और तिथि का समापन होगा। ऐसे में अष्टमी का पर्व 02 अप्रैल को मनाया जाएगा।

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।