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Panchak April 2024: अप्रैल में इस दिन से शुरू हो रहे हैं पंचक, जानें इससे जुड़ें नियम

पंचक के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों वर्जित माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक माह में ऐसे पांच दिन ऐसे होते हैं इन्हें ही पंचक कहा जाता है। कहा जाता है कि पंचक में इंसान को विशेष नियमों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।वरना जीवन में कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Wed, 27 Mar 2024 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2024 02:26 PM (IST)
Panchak April 2024: अप्रैल में इस दिन से शुरू हो रहे हैं पंचक, जानें इससे जुड़ें नियम
Panchak April 2024: अप्रैल में इस दिन से शुरू हो रहे हैं पंचक, जानें इससे जुड़ें नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Panchak April 2024 Date And Time: सनातन धर्म में पंचक की अवधि के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। हर माह में ऐसे पांच दिन ऐसे होते हैं, जिन्हें पंचक के नाम से जाता है। पंचक के दिन अशुभ माने जाते हैं। कहा जाता है कि पंचक में इंसान को विशेष नियमों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। वरना जीवन में कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं पंडित हर्षित शर्मा  जी से अप्रैल माह में पंचक कब से शुरू हो रहे हैं।

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April 2024 Panchak: जानिए कब तक रहेगा अप्रैल माह का पंचक?

पंचक का समय

पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह में पंचक का आरंभ 05 अप्रैल, शुक्रवार के दिन सुबह के 07 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 09 अप्रैल मंगलवार के दिन सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर होगा।

पंचक में न करें ये कार्य

  • गृह निर्माण
  • लकड़ी खरीदना
  • दक्षिण दिशा की तरफ की यात्रा
  • शव जलाना
  • शय्या का निर्माण
  • विवाह
  • गृह प्रवेश

मान्यता है कि पंचक के दौरान वर्जित कार्यों को करने से इंसान को धन की हानि का सामना करना पड़ता है और गृह क्लेश की समस्या आती है। यही वजह है कि पंचक की अवधि के दौरान इन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

पंचक क्या है?

पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहा जाता है। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हीं को पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र है - धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र। धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण के आरंभ से होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक पंचक रहता है।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।


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