Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sheetala Ashtami 2024 Date: कब है शीतला अष्टमी? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    सनातन धर्म में बसौड़ा या शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2024) के दिन स्वच्छता और आरोग्यता की देवी मां शीतला की पूजा और व्रत करने का विधान है। इस व्रत की शुरुआत सप्तमी तिथि के साथ होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस अवसर पर पूजा और व्रत करने से रोग से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 23 Mar 2024 11:02 AM (IST)
    Hero Image
    Sheetala Ashtami 2024 Date: कब है शीतला अष्टमी? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sheetala Ashtami 2024 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, होली से आठवें दिन शीतला अष्टमी व्रत किया जाता है। इस व्रत की शुरुआत सप्तमी तिथि के साथ होती है। हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार को बसौड़ा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अवसर पर पूजा और व्रत करने से रोग से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं शीतला अष्टमी डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Naukri Upay: सभी प्रयास होंगे सफल, मनचाही मिलेगी नौकरी, करें ये अचूक उपाय

    शीतला अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त

    कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ- 01 अप्रैल को रात 09 बजकर 09 मिनट से शुरू

    अष्टमी तिथि समाप्त- 02 अप्रैल को रात 08 बजकर 08 मिनट तक।

    ऐसे में शीतला अष्टमी का पर्व 02 अप्रैल को मनाया जाएगा।

    ऐसे करें पूजा

    इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और और स्नान करें। इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। अब मंदिर की सफाई करें और मां शीतला की प्रतिमा के सामने श्रद्धा भाव से फूल, अक्षत अर्पित करें। इस दौरान 'श्मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्येश्' मंत्र का जाप करें। अगर आप इस मंत्र का जाप नहीं कर सकते हैं, तो मां शीतला का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। अब मां शीतला को सिंदूर और वस्त्र आदि चीजें अर्पित करें। अब दीपक जलाकर मां शीतला की पूजा और आरती करें। साथ ही शीतला स्त्रोत का पाठ करें।

    अब सच्चे मन से जीवन में सुख-शांति के लिए मां शीतला से प्रार्थना करें। इसके बाद मां शीतला को विशेष चीजों का भोग लगाएं। शास्त्रों की मानें तो शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला के भोग में बासी भोजन को शामिल किया जाता है। भोग को सप्तमी तिथि की शाम को बनाया जाता है। इसमें चावल, मीठे पुए, आदि चीजें बनाई जाती है।

    यह भी पढ़ें: Lord Hanuman Puja: शनिवार के दिन करें वीर हनुमान की पूजा, घर में बनी रहेगी खुशहाली

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।