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    Shardiya Navratri 2025: दुर्गा अष्टमी के दिन इन राशियों पर बरसेगी मां दुर्गा की कृपा, जरूर करें ये खास उपाय

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 04:07 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) का पर्व मां दुर्गा 09 रूपों की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। अष्टमी तिथि पर दुर्गा अष्टमी (Durga ashtami 2025) मनाई जाती है। इस बार की दुर्गा अष्टमी बेहद शुभ मानी जा रही है। इस दिन मेष से मीन राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति होगी। ऐसे में चलिए जानते हैं इन राशियों के बारे में।

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    Shardiya Navratri 2025: इन राशियों की चमकेगी किस्मत

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। नवरात्र का आठवां दिन यानी दुर्गा अष्टमी, 30 सितंबर 2025, (Durga Ashtami 2025 Date) अंधकार और अहंकार पर माता दुर्गा की विजय का प्रतीक है। इस दिन महान अष्टमी पूजा, संधि पूजा और कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस बार इस दिन चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे, जो गुरु की राशि है।

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    इसका असर आध्यात्मिक ज्ञान, विश्वास और भावनात्मक साहस को बढ़ाएगा। यह समय सीमाओं से मुक्त होकर सच्चाई अपनाने का अवसर देगा। चलिए जानतें हैं कि ये दुर्गा अष्टमी आपके लिए क्या विशेष सौगातें लेकर आई है।

    मेष राशि

    आपके साहस और आत्मविश्वास को नई ताकत मिलेगी। जीवन में साफ लक्ष्य और नए अवसर दिखाई देंगे। जल्दबाजी से बचें और धैर्य रखें।

    उपाय: “ॐ दुं दुर्गायै नमः” का जप करें, लाल या सिंदूरी कपड़े पहनें और देवी को गुड़ अर्पित करें।

    वृषभ: राशि

    आपके अंदर थोड़ी बेचैनी रहेगी और आप नए रास्तों को अपनाना चाहेंगे। रिश्तों में धैर्य रखें, बदलाव से ही आपका सही विकास होगा।

    उपाय: सूर्यास्त के समय घी का दीपक जलाएं, सफेद फूल चढ़ाएं और “या देवी सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै” मंत्र का जप करें।

    मिथुन: राशि

    आपकी वाणी में निखार और सोच में स्पष्टता आएगी। सच्चाई और भ्रम में आपको फर्क साफ दिखाई देगा। ज्ञान और आध्यात्मिक खोज के लिए यह एक अच्छा समय है।

    उपाय: हरे कपड़े पहनें, देवी मां को अनार अर्पित करें और “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जप करें।

    कर्क: राशि

    आपके कुछ पुराने भावनात्मक घाव सामने आ सकते हैं, लेकिन समझदारी के साथ उनका सामना करें। आपके घर-परिवार में शांति लौटेगी।

    उपाय: मां को कच्चा दूध और कमल का फूल चढ़ाएं, दुर्गा चालीसा का पाठ करें और सफेद वस्त्र पहनें।

    सिंह: राशि

    आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा, लेकिन आपको अहंकार से बचना है क्योंकि यह विवाद का कारण बन सकता है। धैर्य से काम करेंगे तो आपको सम्मान मिलेगा।

    उपाय: लाल गुड़हल फूल अर्पित करें, “ॐ कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जपें और कन्या का पूजन करें।

    कन्या: राशि

    स्वास्थ्य और दिनचर्या पर ध्यान देने का समय है। ज्यादा सोच-विचार से बचें और सादगी अपनाएं।

    उपाय: “ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः” जप करें, मूंग दाल अर्पित करें और पीले कपड़े पहनें।

    तुला: राशि

    आपके रिश्तों और रचनात्मक कामों में संतुलन बनेगा। ईमानदारी और प्यार से रिश्ते और मजबूत होंगे।

    उपाय: मां को सफेद चंदन चढ़ाएं, “ॐ चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जाप करें और हल्के रंग के वस्त्र पहनें।

    वृश्चिक: राशि

    आपके अंदर कोई गहरा बदलाव होगा। पुरानी उलझनों से मुक्ति मिलेगी और जीवन में कुछ नए बदलाव होंगे।

    उपाय: मां के सामने सरसों तेल का दीपक जलाएं, “ॐ कालरात्र्यै नमः” मंत्र का जाप करें और गहरे लाल रंग के वस्त्र पहनें।

    धनु: राशि

    आपके लिए यह दिन बहुत खास है क्योंकि चंद्रमा आपकी ही राशि में है। आपके नए विचार और आत्मविश्वास को नई ऊर्जा मिलेगी।

    उपाय: पीला या केसरिया वस्त्र पहनें, “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप करें और दुर्गा सप्तशती पढ़ें।

    मकर: राशि

    आपको जिम्मेदारियां थोड़ी भारी लग सकती हैं, लेकिन यही समय है जीवन को सही दिशा देने का। विश्वास और अनुशासन से आपको सफलता मिलेगी।

    उपाय: मां को गन्ना या नारियल चढ़ाएं, “ॐ महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करें और नीले रंग के वस्त्र पहनें।

    कुंभ: राशि

    समाज और दूसरों के लिए कुछ करने का मौका मिलेगा। नए विचार और योजनाएं सफल होंगी, लेकिन बेचैनी से बचें।

    उपाय: तिल का दान करें, मां को केले अर्पित करें और “ॐ स्कंदमातायै नमः” मंत्र का जाप करें।

    मीन: राशि

    आपकी अंतर्ज्ञान की शक्ति गहरी होगी। आपको सपनों और ध्यान के माध्यम से दिव्य संदेश मिल सकते हैं। आपकी करुणा और सौम्यता बढ़ेगी, लेकिन अपने लिए सीमाए तय करना भी जरूरी होगा।

    उपाय: मां को तुलसी के पत्ते और मिठाई अर्पित करें, “ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः” मंत्र का जाप करें और हल्के नीले वस्त्र पहनें।

    निष्कर्ष:

    दुर्गा अष्टमी के दिन चन्द्रमा का धनु राशि में होना मां दुर्गा की शक्ति और गुरु बृहस्पति के ज्ञान को एक साथ जोड़ देता है। इस पावन संगम से ऐसा वातावरण बनता है, जो हमें साहस से जीना, सत्य को अपनाना और भय को पीछे छोड़ना सिखाता है। इस दिन हर राशि के लिए बताए गए छोटे-छोटे उपाय मां की कृपा से जुड़ने का सरल मार्ग बन जाते हैं।

    सच्चा समर्पण वही है, जो हृदय से किया जाए। जब हमारी श्रद्धा में साहस मिल जाता है, तो मां दुर्गा की कृपा अमृत की वर्षा की तरह हमारे जीवन को भर देती है।

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    लेखक: आनंद सागर पाठक, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।