Shani Sade Sati: मेष राशि वालों को कब मिलेगा साढ़ेसाती से छुटकारा, इन उपायों से पाएं शनिदेव की कृपा
मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों (Shani Sade Sati) का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। न्याय के देवता शनिदेव ने मीन राशि में विराजमान हैं। मीन राशि में शनि के गोचर से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। वहीं, मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। जबकि, कुंभ राशि के जातक अंतिम चरण में हैं। आसान शब्दों में कहें तो कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है।
ज्योतिषियों की मानें तो शनिदेव न्याय के देवता हैं। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं। इसके लिए अच्छे कर्म करने वाले जातकों पर साढ़ेसाती के दौरान शनिदेव की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक की करियर और कारोबार समेत सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है कि मेष राशि के जातकों को कब साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) से छुटकारा मिलेगा? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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शनि गोचर 2025
वर्तमान समय में शनि देव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव अगले ढाई साल तक रहेंगे। इस दौरान शनिदेव नियमित अंतराल पर नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। वहीं, कई बार शनिदेव अपनी चाल भी बदलेंगे। आसान शब्दों में कहें तो मार्गी से वक्री और पुनः वक्री से मार्गी होंगे। इस प्रकार ढाई साल के बाद शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, न्याय के देवता शनिदेव 03 जून, 2027 को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने के साथ ही मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। मेष राशि में शनिदेव पुन: ढाई साल तक रहेंगे। इसके बाद 17 अप्रैल 2030 को शनिदेव वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा और 31 मई, 2032 पर मेष राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।
शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न?
मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं और आराध्य हनुमान जी हैं। हनुमान जी की पूजा करने से शनि की बाधा दूर होती है। इसके लिए मेष राशि के जातक मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा अवश्य करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके अलावा, शनिवार के दिन पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें। इन उपायों से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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