Shani Dhaiya Upay: सावधान! 2030 तक इन राशियों पर शनि की ढैय्या का साया, बचाव के लिए उपाय बनेंगे अस्त्र
न्याय के देवता शनिदेव को शनिवार (Shani Dhaiya Upay) का दिन बेहद प्रिय है। इस दिन शनिदेव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए शनिवार का व्रत रखा जाता है। शनिदेव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Dhaiya Upay: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है। शनिदेव की पूजा शनिवार के दिन की जाती है। शनिदेव की पूजा करने से साधक को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही जीवन में आने वाली बलाएँ टल जाती हैं। ज्योतिष शनिदेव की कृपा पाने के लिए देवों के देव महादेव की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। शनिदेव की कृपा से साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव ढाई साल तक रहेंगे। इसके बाद शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे। इसके लिए मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि 2030 तक किन राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या रहेगी? आइए जानते हैं-
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शनि गोचर 2025
वर्तमान समय में शनिदेव गुरु की राशि मीन राशि में उपस्थित हैं। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हुई है। वहीं, मकर राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल गई है। वहीं, कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है। जबकि, मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।
शनि की ढैय्या
वर्तमान समय में सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। वहीं, शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से इन दोनों राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। शनिदेव एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। अतः सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति के लिए ढाई साल तक इंतजार करना होगा।
वहीं, शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने के साथ ही कन्या और मकर राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। कुल मिलाकर कहें तो सिंह और धनु राशि के जातकों को 2027 में शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। वहीं, 2030 में शनिदेव के वृषभ राशि में गोचर करने के साथ ही कन्या और मकर राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या समाप्त होगी। इसके बाद तुला और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी।
शनि ढैय्या के उपाय (Shani Dhaiya Upay)
शनि की ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। समय होने पर बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं। इसके साथ ही मंगलवार के दिन पूजा के समय हनुमान जी को एक चुटकी सिंदूर अर्पित करें। इसके साथ ही काले तिल मिश्रित गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इन उपायों को करने से शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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