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    Mahabharata Story: दुर्योधन की चाल से भीम को मिला हजारों हाथियों का बल, जानिए पौराणिक कथा

    महाभारत ग्रंथ (Mahabharat Katha) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है। इस ग्रंथ में ऐसी कई कथाएं मिलती हैं जो किसी भी व्यक्ति को हैरत में डालने के लिए काफी हैं। आज हम आपको महाभारत में वर्णित एक ऐसा घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बाद भीम को 10 हजार हाथियों का बल मिल गया।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 10 Apr 2025 01:54 PM (IST)
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    Mahabharata Story दुर्योधन ने चली थी ये चाल।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। द्वापर युग में पांडवों और कौरवों के बीच एक भीषण युद्ध लड़ा गया था, जिसे हम सभी महाभारत युद्ध के नाम से जानते हैं। पांच पांडवों में से एक भीम को लेकर यह कहा जाता है कि उनमें 10 हजार हाथियों का बल था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें यह बल कैसे मिला। अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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    दुश्मनी का भाव रखता था दुर्योधन

    महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, दुर्योधन भीम से बचपन में ही बहुत ईर्ष्या करता था, क्योंकि भीम सभी खेलों में कौरवों को हरा देते थे। जब दुर्योधन ने सभी पांडवों समेत भीम को गंगा तट पर खेलने के लिए बुलाय। दुश्मनी की भावना के चलते दुर्योधन ने भीम के खाने में जहर मिला दिया, जिस कारण भीम अचेत हो गए। मौका पाकर दुर्योधन ने अपने भाई दु:शासन के साथ मिलकर भीम को गंगा में फेंक दिया।

    जहर का असर हुआ कम

    भीम अचेत अवस्था में ही नदी के द्वारा नागलोक पहुंच गए। जब भीम को होश आया, तो उन्होंने पाया कि वह भयंकर सांपों से घिरे हुए हैं। सांपों के काटने के कारण भीम के शरीर से जहर का असर कम हो गया था। उन्होंने सांपों को मारना शुरू कर दिया, जिससे डरकर सभी सांप नागराज वासुकी के पास गए और उन्हें पूरी बात बताई। तब नागराज वासुकि, आर्यक नाग के साथ भीम के पास पहुंचे।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    आर्यक नाग के कारण मिला बल

    तब आर्यक नाग भीम को पहचान गए और उनसे नागलोक आने की वजह पूछी। तब भीम ने उन्हें सारी बात बताई, जिसके बाद उन्होंने भीम को कुंडों का रस पिलाया था, जिसमें 10 हजार हाथियों का बल था। जब भीम वापस लौटा तो दुर्योधन को बहुत ही आश्चर्य हुआ।

    पांडव भी भीम को वापस आते हुए देखकर काफी खुश थे और यह महसूस कर सकते थे कि भीम अब पहले से अधिक बलवान नजर आ रहे हैं। सभी अचरज में पड़ गए कि यह चमत्कार कैसे हुआ।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।