Shami Tree Upay: शमी के पेड़ के नीचे जलाएं तिल के तेल का दीपक, शनि की पीड़ा और निगेटिविटी होगी दूर
Shami Tree Upay शमी का पौधा हिंदू धर्म में विजय और शक्ति का प्रतीक है जो शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसके पास तिल के तेल का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन की परेशानियां कम होती हैं। यह आर्थिक स्थिति को सुधारता है सुख-समृद्धि लाता है और कार्यों में सफलता दिलाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म शमी के पौधे को विजय, साहस और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और भगवान शिव से भी संबंधित है। वहीं, तिल का तेल भी न्याय के देवता शनि और साहस के देवता भैरव जी से जुड़ा है।
शमी के पौधे के पास तिल का तेल का दीपक लगाने (Sesame Oil Lamp Benefits) से कई तरह के लाभ मिलते हैं। इससे न सिर्फ नेगेटिव एनर्जी दूर होती है, बल्कि जीवन में आ रही परेशानियां भी खत्म होती हैं। व्यक्ति को सुख और समृद्धि मिलती है और जीवन में चल रही आर्थिक परेशानियों का अंत भी होता है।
इस पौधे के नीचे तिल के तेल का दीपक लगाने (why light sesame oil lamp near shami tree) से व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है। उसके अंदर किसी भी काम को करने का साहस जाग जाता है। तिल का तेल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का काम करता है। इसके साथ ही भगवान भैरव और शनि देव की पूजा में तिल के तेल का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।
बुरी नजर और तांत्रिक प्रयोग से बचाता है
शमी के पेड़ के नीचे जब तिल के तेल का दीपक लगाया जाता है, तो यह उपाय करने वाले व्यक्ति और उसके परिवार को बुरी नजर से बचाता है। इसके अलावा यदि व्यक्ति के ऊपर किसी तरीके का तांत्रिक प्रयोग किया गया है, तो उससे भी रक्षा करता है।
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शमी के पेड़ के नीचे तिल का तेल का दीपक लगाने से मां लक्ष्मी और भगवान भैरव की कृपा होती है। इससे पैसों से संबंधित चल रही समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही साहस और ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही घर में सुख समृद्धि और धन का आगमन शुरू हो जाता है।
शनि पीड़ा से भी मिलती है राहत
जिन लोगों के जीवन में शनि की पीड़ा चल रही है। साढ़ेसाती या शनि की महादशा के बुरे दौर से गुजर रहे हैं, उन्हें इस उपाय को करने से बहुत लाभ मिलता है। शमी के पेड़ के नीचे मंगलवार या शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद में तिल के तेल का दीपक लगाने से लाभ होता है। ध्यान रखें कि दीपक की बाती का मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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