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    Shaligram Puja Niyam: करते हैं शालिग्राम जी की पूजा, तो जरूर रखें इन बातों का ध्यान

    Updated: Fri, 16 May 2025 05:26 PM (IST)

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम भगवान विष्णु के स्वरूप में पूजे जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि नियमित रूप से शालिग्राम जी की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में अगर आप भी घर में शालिग्राम जी की पूजा (Shaligram Puja Niyam) करते हैं तो कुछ नियमों का जरूर ध्यान रखें।

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    Shaligram Puja Niyam शालिग्राम जी की पूजा के नियम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने कई घरों में शालिग्राम भगवान को विराजते हुए होते हुए देखा होगा। विष्णु पुराण में इस बात का वर्णन किया गया है कि जिस घर में शालिग्राम स्थापित किए जाते हैं, वह घर किसी तीर्थ से कम नहीं होता। माना जाता है कि शालिग्राम जी की पूजा तभी सफल होती है, जब उनके नियमों का ध्यान रखा जाए। ऐसे में चलिए जानते हैं कि शालिग्राम जी की पूजा में आपको किन बातों का जरूरी रूप से ध्यान रखना चाहिए।

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    इस तरह करें पूजा

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
    • शालिग्राम जी को पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) से स्नान कराएं।
    • इसके बाद चंदन का तिलक लगाएं और फूल व फल अर्पित करें।
    • शुद्ध घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु की आरती करें।
    • भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालें। 
    • अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

    इन बातों का रखें ध्यान

    शालिग्राम जी की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में कोशिश करें कि पूजा का क्रम न टूटे। पूजा के दौरान पवित्रता और स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। शालिग्राम को तुलसी के पौधे के पास रखना ज्यादा शुभ माना जाता है। शालिग्राम जी भगवान विष्णु के ही स्वरूप हैं, ऐसे में उनके भोग में तुलसी जरूर शामिल करें। 

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    तभी मिलेगा पूर्ण फल

    शालिग्राम जी की पूजा में कभी भी उन्हें अक्षत नहीं चढ़ाना चाहिए। जहां भी आपने शालिग्राम जी को स्थापित किया है वहां पर पवित्रता और स्वच्छता का जरूरी रूप से ध्यान रखें। घर में एक से ज्यादा शालिग्राम रखना भी शुभ नहीं माना जाता। शालिग्राम जी पूजा करने वाले साधक को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस बातों का ध्यान रखने पर ही आपको पूजा का पूर्ण फल मिल सकता है।

    पूजा के मंत्र

    आप शालिग्राम की पूजा में इन मंत्रों का जप कर सकते हैं, जिससे आपको प्रभु श्रीहरि की भी कृपा की प्राप्ति होती है -

    1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

    हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

    3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

    4. ॐ विष्णवे नम:

    5. ॐ हूं विष्णवे नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।