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    Sawan 2025 Start Date: इन शुभ योग से होगी सावन की पावन शुरुआत, एक क्लिक में जानें सही तिथि और पूजा विधि

    Updated: Fri, 09 May 2025 03:31 PM (IST)

    सावन के महीने में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन फलाहार व्रत रखा जाता है और शाम को भगवान शिव की पूजा के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है। यह माह भगवान शिव को बहुत प्रिय है तो आइए इस माह (Sawan 2025 Start Date) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

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    Sawan 2025 Start Date: सावन के शुभ योग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव के प्रिय माह सावन का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। सावन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होगा। यह पूरा महीना देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान भोलेनाथ पृथ्वी पर आते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं। इसके साथ ही जीवन के सभी कष्टों का अंत होता है, तो आइए इस माह (Sawan 2025 Start Date) से जुड़ी जरूरी बातों को जानते हैं।

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    शुभ योग (Sawan 2025 Shubh Yog)

    अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

    कब शुरू होगा सावन 2025? (Sawan 2025 Kab Shuru Hoga?)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन माह 11 जुलाई, 2025 से शुरू होगा। वहीं, इसका समापन अगले महीने यानी 09 अगस्त, 2025 को होगा। ऐसे में इस बार सावन में कुल 4 सोमवार व्रत पड़ेंगे।

    सावन सोमवार व्रत 2025 डेट लिस्ट (Sawan 2025 Somwar Date List)

    • सावन पहला सोमवार 14 जुलाई, 2025
    • सावन दूसरा सोमवार 21 जुलाई, 2025
    • सावन तीसरा सोमवार 28 जुलाई, 2025
    • सावन चौथा सोमवार 4 अगस्त, 2025

    पूजा विधि (Sawan 2025 Somwar Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हरे रंग के कपड़े पहनें।
    • घर के पूजा स्थल को साफ करें और भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
    • व्रती व्रत का संकल्प लें।
    • शिवलिंग का गंगाजल या पंचामृत से अभिषेक करें।
    • शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं और बिल्वपत्र, धतूरा, फूल और अक्षत आदि चीजें अर्पित करें।
    • भगवान शिव को बेल का फल, सफेद मिठाई या घर पर बनी खीर का भोग लगाएं।
    • धूप-दीप जलाएं और भाव के साथ आरती करें।
    • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें व शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
    • सावन सोमवार व्रत कथा या अन्य शिव पुराण की कथाएं सुनें व पढ़ें।
    • पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे।
    • अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।