Sawan 2024 Start Date: कब से शुरू हो रहा है सावन? नोट करें सोमवारी व्रत, मंगला गौरी व्रत और रक्षाबंधन की तारीख
Sawan 2024 Start Date ज्योतिषियों की मानें तो 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इसके अगले दिन से सावन का महीना शुरू होगा। सावन महीने के प्रथम दिन ही सोमवार है। अतः सावन महीने की पहली सोमवारी का व्रत 22 जुलाई को रखा जाएगा। इसके बाद क्रमशः 29 जुलाई को दूसरी सोमवारी और 05 अगस्त को तीसरी सोमवारी का व्रत रखा जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan 2024 Start Date: सावन का महीना भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित होता है। इस महीने में देवों के देव महादेव और जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु सोमवारी और मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। शिव पुराण में सोमवारी व्रत की महिमा का वर्णन है। स्त्री और पुरुष दोनों ही सावन सोमवारी (Sawan 2024) का व्रत रखते हैं। सावन सोमवारी का व्रत करने से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है। अतः साधक सावन सोमवार पर भगवान शिव एवं मां पार्वती की श्रद्धा भाव से पूजा-उपासना करते हैं। आइए जानते हैं कि कब से सावन का महीना शुरू हो रहा है और सावन सोमवारी व्रत, मंगला गौरी व्रत और रक्षाबंधन की सही तारीख क्या है?
यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व
कब से शुरू है सावन?
ज्योतिषियों की मानें तो 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इसके अगले दिन से सावन का महीना शुरू होगा। आसान शब्दों में कहें तो इस वर्ष 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा। सावन के प्रथम दिन ही सोमवार है। अतः सावन महीने की पहली सोमवारी का व्रत 22 जुलाई को रखा जाएगा। इसके बाद क्रमशः 29 जुलाई को दूसरी सोमवारी, 05 अगस्त को तीसरी सोमवारी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, 12 अगस्त को चौथी सोमवारी और 19 अगस्त को अंतिम सोमवारी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन सावन पूर्णिमा भी है। अतः 19 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
सोमवार व्रत दिनांक :-
सोमवार 22 जुलाई- प्रथम सोमवार
सोमवार 29 जुलाई- द्वितीय सोमवार
सोमवार 05 अगस्त- तृतीय सोमवार
सोमवार 12 अगस्त- चतुर्थ सोमवार
सोमवार 19 अगस्त- पंचम सोमवार
मंगला गौरी व्रत दिनांक :-
मंगलवार 23 जुलाई- प्रथम मंगला गौरी व्रत
मंगलवार 30 जुलाई- द्वितीय मंगला गौरी व्रत
मंगलवार 06 अगस्त- तृतीय मंगला गौरी व्रत
मंगलवार 13 अगस्त- चतुर्थ मंगला गौरी व्रत
यह भी पढ़ें: आखिर किस वजह से कौंच गंधर्व को द्वापर युग में बनना पड़ा भगवान गणेश की सवारी?
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।