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    Sakat Chauth 2026 Date: 06 या 07 जनवरी, कब है सकट चौथ? यहां पढ़ें चंद्रोदय का सही समय और नियम

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 11:20 AM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ के महीने की शुरुआत 04 जनवरी से हो रही है। इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ (Sakat Chauth 2026) व्रत किया जा ...और पढ़ें

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    Sakat Chauth 2026: सकट चौथ व्रत के नियम  (Image Source: AI generated)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में माघ माह का विशेष महत्व है। इस माह में कई पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें सकट चौथ (Sakat Chauth 2026) का त्योहार भी शामिल है। सकट चौथ का पर्व गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से संतान का जीवन सुखी रहता है और सभी संकट दूर होते हैं। इस दिन तिल और गुड़ का दान जरूर करना चाहिए। इससे संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    सकट चौथ 2026 डेट और शुभ मुहूर्त (Sakat Chauth 2026 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सकट चौथ का त्योहार 06 जनवरी (Sakat Chauth 2026 Kab Hai) को मनाया जाएगा।
    माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत- 06 जनवरी को सुबह 08 बजकर 01 मिनट पर
    माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन- 07 जनवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर

    Sakat Chauth

     (Image Source: AI generated)

    चांद निकलने का समय (Sakat Chauth 2026 Ka Chand Kab Niklega)

    सकट चौथ के दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्र दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन चंद्रोदय (Sakat Chauth 2026 Moon Rise Time) रात 09 बजे होगा।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय का समय: प्रातः 07 बजकर 15 मिनट पर
    सूर्यास्त का समय: सायं 05 बजकर 39 मिनट पर

    शुभ समय

    ब्रह्म मुहूर्त: 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट पर
    अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट पर
    गोधूलि मुहूर्त: दोपहर 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट पर
    विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट पर

    सकट चौथ व्रत के नियम (Sakat Chauth Vrat Ke Niyam)

    • सकट चौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
    • जल में तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और सूर्य देव के मंत्रों का जप करें।
    • भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करें।
    • तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
    • व्रत कथा का पाठ करें।
    • रात्रि में चंद्रमा को दूध और तिल मिलाकर अर्घ्य दें।
    • सात्विक चीजों से व्रत का पारण करें।
    • गरीब लोगों या मंदिर में अन्न, धन और कपड़े समेत आदि चीजों का दान करें।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।