Ramadan 2025: इंसानी मूल्यों और मर्यादाओं की इबादत और हिफाजत के संकल्प को पुख्ता करने का पाक महीना
इस्लाम धर्म में रमजान (Ramadan 2025) के महीने को बहुत ही पाक माना जाता है। साथ ही यह समय अल्लाह की इबादत के लिए भी बहुत ही खास माना गया है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और ज्यादा-से-ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं। यह समय शरीर व आत्मा की शुद्धि पर ध्यान देते का भी समय है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चंद्र कैलेंडर के मुताबिक भारत में रमजान की शुरुआत रविवार, 02 मार्च 2025, से हो हुई थी। इस पूरे महीने में मुस्लिम रोजा रखते और अल्लाह की इबादत करते हैं। ऐसे में चलिए रमजान के पाक मौके पर जानते हैं मुख्तार अब्बास नकवी जी (पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता) के विचार।
बेहद पाक और अहम
इस्लामी मान्यता के अनुसार रमजान का महीना बहुत ही मुकद्दस, पाक और बरकतों वाला है। इस महीने जैसे ही रमजान का चांद नजर आता है, मुस्लिम रोजों और इबादत में मसरूफ हो जाते हैं और 30 दिनों तक रोजा रखते हैं। तरावीहों का सिलसिला शुरू हो जाता है। बच्चे, बूढ़े, जवान, मर्द और औरत सब कुरान मजीद की तिलाबत का एहतिमाम करते हैं।
रमजान के पाक महीने में इंसान अल्लाह का मेहमान होता है, इसमें सबसे ज्यादा गुनाहों की माफी होती है, एक नेकी के बदले हजार नेकियां अल्लाह के हुजूर गिनी जाती है। ईबादत, दुआ, दान का यह महीना वह है जिसमें कुरान जैसी पवित्र आसमानी किताब जमीन पर भेजी गई। मुसलमान इस महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करते हैं, खैरात देते हैं, नमाजे पढ़ते हैं, यह पवित्र महीना पाप और पुण्य का सबक देता है।
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रमजान का असली मतलब क्या है?
रमजान का पाक महीना रोजा रखने के साथ-साथ आत्मसंयम, इबादत और जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने का बेहतरीन अवसर है। रोजे की खास बात यह है कि रोजा सिर्फ खाना-पानी बंद करने का नाम नहीं है, बल्कि रोजा कानों का भी होता है, आंखों का भी होता है, जुबान का भी होता है, दिल व दिमाग का भी होता है। कहने का मतलब यह है कि रोजा न बुरा सोचों, न बुरा बोलो, न बुरा देखो, यानी गलत देखने, गलत सुनने, गलत सोचने और गलत समझने से रोकता है। भूखा- प्यासा तो कोई भी रह सकता है, लेकिन अपनी रूह, इच्छा के ऊपर काबू पा लेना बड़ी चुनौती होती है।
क्या सीख देता है रमजान का महीना?
रमजान में इबादत, इंसान को इंसानियत का हमेशा एहसास कराती रही है। आज पूरी दुनिया में संकट, कंटक का दौर चल रहा है, भारी उथल पुथल है। ऐसे समय में रमजान का पाक महीना, मानवता, भाईचारे, सौहार्द, इंसानियत का सबक, संदेश का मौका है। भारतीय संस्कृति, संस्कार, संकल्प, सोच, मुल्क, मजहब के साथ ही पूरी दुनिया की मानवता के लिए एक मिसाल है। दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र भारत की "वसुधैव कुटुंबकम" और "सर्व धर्म समभाव" की प्रतिबद्धता ही पूरे विश्व के लिए शांति, समृद्धि, सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण का स्वर्णिम-सुगम मार्ग है।
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