Ramadan 2025: शरीर के साथ ही आत्मा को शुद्ध करने का महीना है रमजान, रखें इन बातों का ध्यान
चंद्र कैलेंडर के मुताबिक रमजान (Ramadan 2025) का महीना 29 या 30 दिनों तक चलता है। रमजान में ज्यादा से ज्यादा वक्त अल्लाह की इबादत में गुराजा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को इतना महत्व क्यों दिया गया है और इस दौरान आपको किन बातों का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम धर्म में पाक माने जाने वाले रमजान महीने की शुरूआत हो चुकी है। ये महीना अल्लाह की इबादत का साथ-साथ शरीर व आत्मा को शुद्ध करने का महीना भी है। इस बार रमजान की शुरुआत 01 मार्च 2025, शनिवार के दिन से हो चुकी है, जो 30 मार्च तक जारी रहेगा।
क्यों खास है ये महीना
डा. उमेर अहमद इलियासी (मुख्य इमाम, आल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन) रमजान को लेकर बताते हैं कि रमजान वो महीना है जिसमें ईश्वर वाणी कुरान उतरा। इस माह शरीर के साथ ही आत्मा को शुद्ध किया जाता है। आत्मा जब शुद्ध होती है तब वह परमात्मा से जुड़ती है। इस महीने में 30 दिन रोजा रखा जाता है।
साथ ही इस पवित्र माह में किसी भी तरह से झूठ बोलना या अन्य कोई बुरा काम करने की पाबंदी होती है। इसलिए यह महीना बुराइयों को दूर रखने का बड़ा खास मौका है। अगर आप रोजा रख रहे हैं और इस दौरान झूठ बोलते हैं या कोई गलत काम करते हैं, तो इससे आपका रोजा अपवित्र माना जाता है, अर्थात ऐसे रोजे का कोई अर्थ नहीं है।
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रोजा न रखने पर क्या करें
रमजान के महीने में रोजा रखा जाता है, जो चांद दिखने के साथ ही शुरू होता है और चांद दिखने पर ही पूरा होता है। डा. उमेर अहमद इलियासी का कहना है कि इस्लाम में रोजा रखना हर मुस्लिम का फर्ज माना गया है, लेकिन जो लोग बहुत ज्यादा बीमार है और रोजा नहीं रख सकते, उन्हें गरीबों को दान जरूर देना चाहिए।
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जरूर करें ये काम
रमजान असल में एक-दूसरे को माफ करने और अपने आपको आंतरिक तौर से शुद्ध करने का भी समय है। साथ ही इस समय में अल्लाह से जाने-अनजाने में किए गए अपने गुहानों के लिए भी माफी मांगने के लिए यह एक अच्छा मौका है। इस दौरान अल्लाह के नाम पर अपनी कमाई में लाभ का लगभग ढाई प्रतिशत हिस्सा जकात देना चाहिए।
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