Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ramadan 2025: इबादत और रहमत का महीना है रमजान, इन हिदायतों का रखें ध्यान!

    रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद विशेष होता है। यह इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। इस दौरान लोग ज्यादा से ज्यादा नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह की रहमत पाने के लिए अच्छे कामों पर जोर देते हैं। रमजान (Ramadan 2025 Guidelines) को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन हर रोजेदार को करना चाहिए तो आइए इससे जुड़े नियम जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 06 Mar 2025 02:13 PM (IST)
    Hero Image
    Ramadan 2025: इबादत और रहमत का महीना है रमजान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत महत्व रखता है। इस दौरान लोग ज्यादा से ज्यादा नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने में पड़ने वाला इस महीने में लोग सुबह से लेकर शाम तक पूर्ण पवित्रता के साथ 29 से 30 दिनों तक रोजा रखते हैं, जिसकी शुरुआत और अंत चांद दिखने के साथ होता है। कहा जाता है कि इस पाक माह (Ramadan 2025) में बहुत सारे ऐसे काम हैं, जिन्हें जरूर करना चाहिए, तो चलिए ''मौलाना मोहम्मद मुबारक हुसैन (इमाम, मस्जिद ए आयशा)'' से जानते हैं इस बारे में।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रमजान से जुड़ी प्रमुख बातें (Ramadan 2025 Rules)

    रमजान को नेकियों का महीना भी कहा जाता है। इस पूरे माह इस्लाम समुदाय के लोग अच्छे काम करते हैं। इस दौरान सिर्फ रोजा रखना ही नहीं बल्कि जरूरतमंदों की मदद करना, लोगों को खाना-पीना खिलाना, अल्लाह की इबादत जैसे काम करने चाहिए।

    इसके अलावा दूसरों की बुराई करने, झूठ बोलने और झूठी कसमें खाने से तौबा करनी चाहिए। आसान शब्दों में कहा जाए, तो कुछ बुरा बोलने, देखने और सुनने से बचना चाहिए।

    इन बातों को न करें अनदेखा

    मौलाना मोहम्मद मुबारक हुसैन (इमाम, मस्जिद ए आयशा) के मुताबिक अल्लाह की राह में खर्च करना बहुत अच्छा (अफजल) माना जाता है। भले ही कोई जरूरतमंद व्यक्ति अन्य धर्म के ही क्यों न हों, उनकी भी मदद करनी चाहिए, क्योंकि दूसरों के काम आना भी इबादत है। रोजे का मतलब बस उस अल्लाह के नाम पर भूखे-प्यासे रहना ही नहीं है, इस दौरान आंख, कान और जीभ का भी रोजा होता है।

    ऐसे में रोजा रखने वाले को सुबह की अजान से शाम की मगरिब की अजान तक कुछ खाने और पीने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान 5 वक्त की नमाज पढ़नी चाहिए और मन को भी पाक रखना चाहिए। साथ ही दूसरे के लिए बुरे विचार मन में गलती से भी नहीं लाने चाहिए।

    यह भी पढ़ें: Ramadan 2025: रमजान में खजूर खाकर ही क्यों खोला जाता है रोजा, हैरान कर देंगे सेहत से जुड़े 7 कारण

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।