Ramadan 2025: इन 4 बातों का सबक देता है रमजान का महीना, जरूर करें ये काम
मुस्लिम धर्म के लिए रमजान (Ramadan 2025) का महीने का विशेष महत्व है। इस बार इस पवित्र माह की शुरुआत 02 मार्च से हुई है। इस माह के समापन तक लोग रोजा रखते हैं और नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। रोजा के दौरान नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। आइए जानते हैं कि इस महीने से क्या सबक मिलता है?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना विशेष महत्व रखता है। इस महीने में रोजा के दौरान अन्न और जल का पूरी तरह से त्याग कर दिया जाता है। साथ ही रोजा से जुड़े नियम का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने से रोजा टूट सकता है। इस महीने में दान करने का विशेष महत्व है, जिससे व्यक्ति को जीवन में बरकत देखने को मिल सकती है। रमजान का महीना मानवता, आचार, व्यवहार और हमदर्दी का सबक देता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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रमजान के महीने से मिलते हैं सबक
डा. नवाज देवबंदी (नामचीन शायर एवं यूपी उर्दू अकादमी के पूर्व चेयरमैन) बताते हैं कि रमजान अनुशासन में रहने का प्रशिक्षण देता है। रमजान हमें मानवता, आचार, व्यवहार और हमदर्दी का सबक देता है। रमजान नेकियों की बहार का मौसम है। यह कुरान पाक की तिलावत और अल्लाह के जिक्र का महीना है। इस पवित्र महीने में मुसलमानों के धार्मिक विचार और इस्लाम की सारी खूबियां उभर कर सामने आ जाती हैं।
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गरीबों की करनी चाहिए मदद
रोजे में जब इंसान भूख की वजह से कठिनाइयां सहन करता है तो उसके दिल में गरीबों और भूखों के लिए हमदर्दी और भलाई का विचार अपने आप पैदा हो जाता है। रमजान सहानुभूति का महीना है, इसलिए इस पवित्र महीने में हमें गरीबों और जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद करनी चाहिए।
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अल्लाह की इबादत में रहने चाहिए बिजी
खूब दान, सदका व दान-पुण्य करना चाहिए। रोजे के जरिये ही इंसान का तकवा (बुरे कामों से बचना और नेक काम करना) मजबूत होता है। रोजा एक ऐसी इबादत है जो आत्मिक और शारीरिक विश्वास से भी इंसान के लिए लाभदायक है। इस मुकद्दस महीने का एक-एक पल कीमती और अहम है। इस महीने की बरकतों और रहमतों से महरूम नहीं रहना चाहिए। खुदा के आदेशों का पालन करना और उसे पूरा करते हुए खूब इबादत में व्यस्त रहना चाहिए।
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रोजा में इन बातों का रखें ध्यान
- रोजा के समय सूर्योदय के बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए। सूरज डूबने तक सच्चे मन से रोजा रखना चाहिए।
- इस महीने में गरीब लोगों को विशेष चीजों का दान करना चाहिए।
- रोजा के दौरान किसी के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए और न किसी से विवाद करना चाहिए।
- किसी का अपमान न करें।
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