Purnima 2025 List: साल 2025 में कब-कब मनाई जाएगी पूर्णिमा, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट
पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की पूर्णिमा ( Purnima 2025) का अपना-अपना महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस द ...और पढ़ें


वार्षिक राशिफल 2026
जानें आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला नया साल।
अभी पढ़ेंधर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूर्णिमा हर महीने पड़ने वाली एक शुभ तिथि मानी जाती है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। हर माह में आनी वाली पूर्णिमा को उसी माह के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त सत्यनारायण व्रत रखते हैं और चंद्रमा भगवान की पूजा करते हैं। इसके साथ ही इस दिन गंगा स्नान भी बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं, जब साल 2025 की शुरुआत होने वाली है, तो आइए इस पूरे साल पूर्णिमा कब-कब (Purnima 2025 List) मनाई जाएगी यहां जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
.jpg)
साल 2025 में कब-कब है पूर्णिमा? (Purnima 2025 List)
- जनवरी 13, 2025, दिन सोमवार। (पौष, शुक्ल पूर्णिमा)
- फरवरी 12, 2025, दिन बुधवार। (माघ, शुक्ल पूर्णिमा)
- मार्च 14, 2025, दिन शुक्रवार। (फाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा)
- अप्रैल 12, 2025, दिन शनिवार। (चैत्र, शुक्ल पूर्णिमा)
- मई 12, 2025, दिन सोमवार। (वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा)
- जून 11, 2025, दिन बुधवार। (ज्येष्ठ, शुक्ल पूर्णिमा)
- जुलाई 10, 2025, दिन बृहस्पतिवार। (आषाढ़, शुक्ल पूर्णिमा)
- अगस्त 9, 2025, दिन शनिवार। (श्रावण, शुक्ल पूर्णिमा)
- सितम्बर 7, 2025, दिन रविवार। (भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा)
- अक्टूबर 7, 2025, दिन मंगलवार (आश्विन, शुक्ल पूर्णिमा)
- नवम्बर 5, 2025, दिन बुधवार (कार्तिक, शुक्ल पूर्णिमा)
- दिसम्बर 4, 2025, दिन बृहस्पतिवार (मार्गशीर्ष, शुक्ल पूर्णिमा)
यह भी पढ़ें: Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, किसी काम में नहीं आएगी अड़चन
पूर्णिमा का धार्मिक महत्व ( Significance of Purnima 2025 )
पूर्णिमा का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह सबसे पावन दिनों में एक माना जाता है, जब चंद्रमा की किरणें बहुत शक्तिशाली होती हैं। यह दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। इस तिथि पर भक्त सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं और चंद्रमा भगवान को अर्घ्य देने के बाद अपना उपवास खोलते हैं।
वहीं, इस दिन सत्यनारायण पूजा का भी विधान है। कहते हैं कि इस दिन पूजा-पाठ करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है।
पूर्णिमा पूजन मंत्र
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः
- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
यह भी पढ़ें: Ekadashi February 2025: यहां पढ़ें फरवरी में कब-कब है एकादशी, नहीं पड़ेगी कैलेंडर देखने की जरूरत
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।