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    Ekadashi February 2025: यहां पढ़ें फरवरी में कब-कब है एकादशी, नहीं पड़ेगी कैलेंडर देखने की जरूरत

    Updated: Thu, 19 Dec 2024 11:14 AM (IST)

    एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत और पूजा-अर्चना की जाती है जिसका साधक को शुभ परिणाम प्राप्त होता है। एकादशी तिथि माह में दो बार आती है। आने वाले साल यानी 2025 के फरवरी माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी मनाई जाएंगी। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस माह में कब-कब और कौन-सी दो एकादशी पड़ रही हैं।

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    Ekadashi February 2025 फरवरी में कब-कब है एकादशी?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि एकादशी तिथि (Ekadashi 2025) पर व्रत करने और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन में सुख और वैभव की प्राप्ति हो सकती है। नए साल 2025 की शुरुआत में अब कुछ ही समय बाकी रह गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि अगले साल फरवरी माह में कौन-कौन सी एकादशी मनाई जाएंगी।

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    मनाई जाएगी ये 2 एकादशी (Ekadashi 2025 Date List)

    जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2025)

    माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 फरवरी को रात्रि 09 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं एकादशी तिथि का समापन 08 फरवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, जया एकादशी शनिवार, 08 जनवरी को मनाई जाएगी।

    विजया एकादशी एकादशी (Vijaya Ekadashi 2025)

    फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 फरवरी दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 24 फरवरी को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, विजया एकादशी सोमवार, 24 फरवरी को मनाई जाएगी।

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    कैसे करें एकादशी व्रत

    एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठें और भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद स्नानादि से निवृत हो जाएं और भगवान विष्णु का पंचोपचार विधि से पूजन करें। आप अपनी क्षमता के अनुसार एकादशी पर निर्जला व्रत भी रख सकते हैं। इस दिन पर एकादशी की कथा का पाठ करें और रात में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें। एकादशी तिथि पर दान-दक्षिणा करना भी काफी पुण्यकारी माना गया है। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर प्रात: भगवान विष्णु की पूजा कर अपने व्रत का पारण करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।