Pradosh Vrat 2025: मई में कब-कब किया जाएगा प्रदोष व्रत? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त
शिव पुराण में भगवान शिव और मां पार्वती की महिमा का विशेष वर्णन किया गया है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल की पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत (Pradosh Vrat 2025 Date) को करने से साधक को महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रत करने से सभी डर से छुटकारा मिलता है।
इस दिन संध्याकाल में महादेव की पूजा करने का विधान है और अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए। वहीं, अब कुछ ही दिनों में मई के महीने की शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मई के महीने पड़ने वाले प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
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मई में कब-कब है प्रदोष व्रत? (Pradosh Vrat 2025 May)
वैदिक पंचांग के अनुसार, मई में पहला प्रदोष व्रत 9 मई को किया जाएगा और आखिरी प्रदोष व्रत 24 मई (May Pradosh Vrat 2025 List) को है।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 10 मई को शाम को 5 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में बुध प्रदोष व्रत 9 मई को किया जाएगा। 9 मई को शिव पूजन करने का शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 1 मिनट से लेकर 9 बजकर 8 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई को सुबह 07 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 25 मई को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर तिथि खत्म होगी। ऐसे में 24 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 07 बजकर 20 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक है। इस दिन शुक्रवार है, तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
ऐसे करें महादेव को प्रसन्न
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करें और शिवलिंग का दूध, दही और शहद समेत आदि चीजों से अभिषेक करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और सभी मुरादें पूरी होती हैं।
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