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    Pradosh Vrat 2025: आखिरी प्रदोष व्रत पर घर के इन कोनों में जलाएं दीपक, दूर होगा जीवन का अंधकार

    प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, जो हर महीने की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह वह शुभ समय है जब भगवान शिव आनंद तांडव करते हैं। इस माह का अंतिम प्रदोष व्रत 23 जून को है, जिस दिन दीपक (Deepak Ke Upay) जलाने का विशेष महत्व है, तो आइए इससे जुड़े कुछ उपाय जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 22 Jun 2025 01:43 PM (IST)
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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर करें दीपक से ये उपाय 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत महत्व रखता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत का मतलब है शाम का समय और यह वह शुभ अवधि, जब भगवान शिव कैलाश पर्वत पर आनंद तांडव करते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।

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    इस माह का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) 23 जून यानी कल रखा जाएगा। वहीं, इस दिन दीप जलाने का भी बड़ा महत्व है, तो आइए इससे जुड़े कुछ उपाय जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

    घर के इन कोनों में जलाएं दीपक (Light A Lamp In These Corners Of The House)

    deepak rituals

    • मुख्य द्वार पर - घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का घर में प्रवेश नहीं हो पाता है। साथ ही धन की देवी की कृपा से धन और समृद्धि आती है।
    • पूजा घर - पूजा घर में भगवान शिव के सामने तिल के तेल या घी का दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से भक्ति की प्राप्ति होती है।
    • तुलसी के पौधे के पास - अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है, तो उसके पास एक दीपक जरूर जलाएं। तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है।
    • रसोई घर - रसोई घर में दीपक जलाने से मां अन्नपूर्णा खुश होती हैं। साथ ही घर में अन्न की कमी नहीं होती है।
    • पानी के स्थान पर - घर में जहां पीने का स्थान हो वहां पर भी एक दीपक जरूर जलाएं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।

    इन बातों का दें ध्यान ( Pradosh Vrat 2025 Rules)

    प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक करें। उन्हें बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, दही, शहद, गंगाजल और फूल आदि चढ़ाएं। महामृत्युंजय मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें। इस दिन फलाहार व्रत रखने से विशेष लाभ मिलते हैं। दीपक जलाते समय शुद्ध घी या तिल के तेल का ही इस्तेमाल करें। दीपक की लौ ऊपर की ओर रखें। तामसिक चीजों से दूर रहें।

    यह भी पढ़ें: Som Pradosh Vrat 2025: किस दिन मनाया जाएगा सोम प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।