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    Pradosh Vrat 2025: सावन के पहले प्रदोष व्रत पर ध्यान रखें ये बातें, जानें क्या करें क्या नहीं

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 01:00 PM (IST)

    प्रदोष का व्रत प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। ऐसे में वैशाख माह का दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार 24 मई को किया जाएगा जिसे शनि प्रदोष व्रत (shukra Pradosh Vrat 2025) भी कहा जाता है। इस दिन पर अगर आप ये काम करते हैं तो इससे आपको महादेव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।

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    Sawan Pradosh Vrat 2025 पर कैसे प्राप्त करें शिव जी की कृपा?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है, जिसमें से एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में आता है। इस दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। सावन का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार 22 जुलाई को किया जाएगा। यह प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है, ऐसे में इसे भौम प्रदोष व्रत भी कह सकते हैं। 

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    प्रदोष व्रत मुहूर्त

    सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 23 जुलाई को प्रातः 4 बजकर 39 मिनट होगा।  इस दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त - शाम 7 बजकर 18 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक

    मिलेगी महादेव की कृपा

    प्रदोष व्रत के दिन आपको शिव जी को खीर, हलवा, बर्फी, मालपुआ, ठंडाई और भांग का भोग प्रिय है। इसके साथ शिव जी को धतूरा, शमी, कनेर, आदि भी अर्पित करें। साथ ही इस दिन शिवलिंग पर जल, कच्चा दूध, शहद और बेलपत्र भी जरूर अर्पित करें। भौम प्रदोष व्रत की पूजा से भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा की प्राप्ति होती है। जिससे साधक के लिए सफलता प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।

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    (Picture Credit: Freepik)

    भूल से भी न करें ये काम

    प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। वहीं व्रत करने वाले साधकों को इस दिन पर साधारण नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन गलती से भी शिव जी की पूजा में तुलसी दल का इस्तेमाल न करें और न ही पूजा में काले रंग के कपड़ें न पहनें। इन सभी कार्यों को करने से आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।