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    Pradosh Vrat 2025: 22 या 23 जुलाई? कब है भौम प्रदोष व्रत, जानें सही डेट और पूजा समय

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 05:14 PM (IST)

    हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने प्रदोष काल में की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार व्रत करने से साधक को सभी डर से छुटकारा मिलता है और शिव जी प्रसन्न होते हैं।

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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन महादेव को कैसे करें प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और महादेव की कृपा से सभी मुरादें पूरी होती हैं।

    पूजा करने के बाद गरीब लोगों या मंदिर में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें। इससे साधक को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही धन से हमेशा तिजोरी भरी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब किया जाएगा प्रदोष व्रत।

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    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में 22 जुलाई को भौम प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 18 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है। इस दौरान भक्त किसी भी समय महादेव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 37 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2025: सावन के पहले प्रदोष व्रत पर ध्रुव योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    प्रदोष व्रत पूजा सामग्री लिस्ट (Pradosh Vrat Puja Samagri List)

    दूध, पवित्र जल, सफेद चंदन ,बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल, फल, शहद,अ क्षत, कलावा, कनेर का फूल, सफेद मिठाई, धूपबत्ती, आसन, वस्त्र, पंचमेवा, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, शिव चालीसा, शंख आदि।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • प्रदोष व्रत के दिन किसी के बारे में गलत न सोचें।
    • किसी से वाद-विवाद न करें।
    • घर और मंदिर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
    • तामसिक भोजन का सेवन न करें।
    • काले रंग के कपड़े धारण न करें।

    भगवान शिव के मंत्र

    1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    2. नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।

    3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।