Pradosh Vrat 2025: सावन महीने में कब है बुध प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat 2025) के दिन देवों के देव महादेव की पूजा एवं भक्ति करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन पूजा करने के बाद दान करने का भी विधान है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि का खास महत्व है। यह दिन महादेव को प्रिय है। कहते हैं कि त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने वाले साधक को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साधक श्रद्धा भाव से त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, बुध प्रदोष व्रत की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat 2025 Kab Hai)
प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। बुधवार के दिन पड़ने के चलते यह बुध प्रदोष व्रत कहलाता है। बुध प्रदोष व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।
बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 06 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 07 अगस्त को त्रयोदशी तिथि दोपहर 02 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 16 मिनट तक है।
बुध प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के बुध प्रदोष व्रत पर शिववास योग का संयोग है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी की सवारी करेंगे। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 08 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 03 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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