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    Pradosh Vrat 2025: सावन महीने का पहला प्रदोष व्रत कब है? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्व

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 30 Jun 2025 06:48 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो भौम प्रदोष व्रत पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इस शुभ तिथि पर दुर्लभ ध्रुव और द्विपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक पर शिव-शक्ति की कृपा बरसेगी। प्रदोष व्रत पर दान करना उत्तम माना जाता है।

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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाता है।

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    धार्मिक मत है कि भौम प्रदोष व्रत करने से साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है। आइए, सावन माह के पहले प्रदोष की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत? (Bhaum Pradosh Vrat 2025 Kab Hai)

    सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। वहीं, सावन माह का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। जबकि, सावन महीने का पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई को मनाया जाएगा। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा।

    भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जुलाई को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 23 जुलाई को त्रयोदशी तिथि सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का समय शाम 07 बजकर 18 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 37 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।