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    Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण, सूतक काल से पहले जानिए कब करें तर्पण

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 05:00 PM (IST)

    पितृ पक्ष 2025 (Pitru Paksha 2025) 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा इस बार थोड़ा अलग होगा। 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण लगने के कारण श्राद्ध और तर् ...और पढ़ें

    चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा।
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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की शुरूआत हो जाएगी। इस साल 7 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक पितृ पक्ष चलेंगे। इन 15 दिनों तक पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण, दान-पुण्य आदि किया जाता है।

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    ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वह आशीर्वाद देकर जाते हैं। सामान्य तौर पर इसमें कोई परेशानी नहीं होती है और पूरे दिन भर ये कार्यक्रम चलते रहते हैं।

    मगर, इस बार स्थितियां थोड़ी अलग होने जा रही हैं। दरअसल, इस साल 7 सितंबर के दिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। लिहाजा, इसका सूतक काल भी मान्य होगा। 

    चंद्र ग्रहण पर मान्य होगा सूतक काल

    पांचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा। चंद्र ग्रहण के मामले में सूतक काल 9 घंटे पहले से माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ सहित धार्मिक कार्यों को नहीं किया जाता है।

    ऐसे में दोपहर 12:58 मिनट से पहले तक का ही समय श्राद्ध और तर्पण के लिए मिलेगा। चंद्र ग्रहण करीब 3 घंटे 28 मिनट बाद रात 1 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा। 

    कैसे करें तर्पण 

    पूर्वजों को जल और अन्न आदि अर्पित करके उनकी तृप्ति के लिए तर्पण किया जाता है। तर्पण करने के लिए एक लोटे में जल, दूध, जौ, चावल, और तिल मिलाकर रख लें। इसके बाद दक्षिण की दिशा की ओर मुख कर लें क्योंकि यह दिशा पितृों की मानी जाती है।

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    इसके बाद बाएं घुटने को जमीन पर टिकाएं और दाहिने हाथ के अंगूठे से जल को धीरे-धीरे नीचे की ओर गिराएं। इस दौरान अपने ज्ञात और अज्ञात पूर्वजों को याद करते हुए उनके प्रति श्रद्धाभाव रखें। यह भावना रखें कि आपके द्वारा दिया जा रहा अन्न और जल उन तक पहुंच रहा है। इस दौरान ॐ पितृ देवतायै नम: मंत्र का जाप करें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।