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    Phulera Dooj 2025 Date: नए साल में कब है फुलेरा दूज? नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

    सनातन धर्म में सभी कई पर्व को बेहद उत्साह के बेहद मनाया जाता है। इनमें फुलेरा दूज का त्योहार भी शामिल है। इस शुभ तिथि पर भगवान कृष्ण और राधा रानी जी की पूजा की जाती है। साथ ही विधिपूर्वक व्रत किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 में कब मनाया जाएगा फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2025) का पर्व।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 28 Dec 2024 02:05 PM (IST)
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    Phulera Dooj 2025: फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2025) के दिन से भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेलने की शुरुआत की थी। तभी से हर साल मथुरा समेत पूरे ब्रज में फुलेरा दूज के पर्व को मनाने की परंपरा जारी है। इस शुभ अवसर पर श्री राधा कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए इस आपको बताते हैं कि फुलेरा दूज के शुभ मुहूर्त के बारे में।

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    फुलेरा दूज 2025 डेट और टाइम (Phulera Dooj 2025 Date and Time)

    पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह (Phulera Dooj 2025 Shubh Muhurat) के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 01 मार्च को रात्रि 03 बजकर 16 मिनट से हो रही है। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 02 मार्च को रात्रि 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए फुलेरा दूज 01 मार्च को मनाई जाएगी।

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    शुभ मुहूर्त

    अमृत काल - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 43 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक

    फुलेरा दूज का महत्व (Phulera Dooj Significance)

    ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, फुलेरा दूज का दिन सभी तरह के दोषों से मुक्त होता है। इसी वजह इस दिन शुभ और मांगलिक काम किए जाते हैं। इसलिए इसे अभुज मुहूर्त भी कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर राधा कृष्ण के मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। इस दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी पर फूल अर्पित किए जाते हैं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

    पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जप (Lord Krishna Mantra)

    1. ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय

    परेशानियी दूर करने वाला मंत्र

    हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।

    आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।