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    Satyanarayan Puja 2026 Date: इस दिन करें श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा, घर में आएगी सुख और शांति

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:30 PM (IST)

    सनातन धर्म में पौष मास का विशेष महत्व है, जिसमें कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं और यह सूर्य देव को समर्पित है। सूर्य देव की पूजा से शारीरिक- ...और पढ़ें

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पौष महीने का खास महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें पुत्रदा, सफल एकादशी और गुरु गोबिंद सिंह जयंती समेत कई अन्य त्योहार मनाए जाते हैं। यह महीना आत्मा के कारक सूर्य देव को समर्पित होता है। इस महीने में रोजाना सूर्य देव की पूजा की जाती है।

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    धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक सेहत अच्छी रहती है। साथ ही करियर और कारोबार संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। वहीं, पौष महीने का समापन पूर्णिमा तिथि पर होता है। इस दिन श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। अगर आप भी सुख और सौभाग्य में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो पौष महीने में इस दिन श्रीसत्यनारायण देव की पूजा (Paush Purnima 2026 Date) करें। आइए, तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 02 जनवरी को शाम 06 बजकर 53 मिनट पर होगी और 03 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 03 जनवरी को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर श्रीसत्यनारायण देव की पूजा कर सकते हैं।

    पौष पूर्णिमा शुभ योग

    अगले साल पौष पूर्णिमा पर ब्रह्म और इन्द्र योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे। ज्योतिष ब्रह्म और इन्द्र योग को शुभ मानते हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 54 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 52 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 04 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 02 बजकर 56 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 52 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Paush Purnima 2026: पौष पूर्णिमा पर क्या करें और क्या नहीं? रखें इन बातों का ध्यान


    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।