Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं, तो जानिए कब पी सकते हैं पानी
Nirjala Ekadashi 2025 निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को है। इस व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व है। व्रत करने वाले को पूरे दिन जल का त्याग करना होता है जिससे यह व्रत कठिन माना जाता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और झूठ चोरी से बचने की सलाह दी जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में दो एकादशी के व्रत होते हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को है। यह व्रत करना जितना कठिन है, उतना ही फलदायी भी है।
मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति को समस्त भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। मरने के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह विष्णु लोक में वास करता है।
जैसा कि इस व्रत के नाम निर्जला एकादशी से ही स्पष्ट है इस दिन उपवास रखने वाला व्यक्ति पानी नहीं पी सकता है। ज्येष्ठ के महीने में जब गर्मी अपने चरम पर होती है, तब इस व्रत को करना और भी मुश्किल हो जाता है। यदि व्रत के दौरान जल ग्रहण कर लिया जाए, तो व्रत टूट जाता है और उसका फल नहीं मिलता है।
कब पी सकते हैं पानी
निर्जला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करना चाहिए। उसके बाद ही वह पानी पी सकता है। निर्जला एकादशी के दिन सुबह उठने के बाद पहली बार जल का इस्तेमाल सिर्फ नहाने के लिए किया जा सकता है।
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इसके बाद व्रत का संकल्प लेने के दौरान और आचमन करते समय व्रत करने वाला व्यक्ति पानी का उपयोग कर सकता है। इसके बाद पूरे दिन पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। हालांकि, हाथ-मुंह धोने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन पीने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
किन अन्य बातों का रखें ध्यान
- इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- झूठ, प्रपंच, चोरी, किसी की बुराई और अपमान नहीं करना चाहिए।
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