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    Nag Panchami 2025: सावन महीने में कब है नाग पंचमी? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 21 Jul 2025 11:46 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि नाग पंचमी (Nag Panchami 2025) के दिन शिव परिवार की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक महादेव का जलाभिषेक करते हैं।

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    Nag Panchami 2025: नाग पंचमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सावन का महीना बेहद खास होता है। यह महीना देवों के देव महादेव को पूर्णतया समर्पित माना जाता है। इसके चलते सावन का हर एक दिन विशेष होता है। इस शुभ अवसर पर रोजाना भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

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    सावन के महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें सावन सोमवार, मंगला गौरी व्रत, कामिका एकादशी, सावन शिवरात्रि, हरियाली अमावस्या और तीज, नाग पंचमी, पुत्रदा एकादशी और रक्षा बंधन प्रमुख हैं। इसके साथ ही कई अन्य व्रत-त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। आइए, नाग पंचमी की सही डेट, शुभ महत्व और योग जानते हैं-

    नाग पंचमी शुभ मुहूर्त (Nag Panchami 2025 Date And Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 जुलाई को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 30 जुलाई को देर रात 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस प्रकार 29 जुलाई को नाग पंचमी मनाई जाएगी।

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    नाग पंचमी पूजा समय

    सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी नाग पंचमी के दिन पूजा हेतु शुभ समय सुबह 05 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। साधक इस दौरान देवों के देव महादेव संग नाग देवता की पूजा एवं साधना कर सकते हैं।

    नाग पंचमी शुभ योग (Nag Panchami 2025 Date And Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही रवि योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस दौरान शिव परिवार संग नाग देवता की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही नाग देवता का आशीर्वाद मिलेगा।

    करण

    नाग पंचमी पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वप्रथम बव करण का संयोग बनेगा। इसके बाद बालव करण का निर्माण होगा। वहीं, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से जातक को उत्तम फल की प्राप्ति होगी।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।