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    Hariyali Amavasya 2025 Date: हरियाली अमावस्या पर रवि पुष्य योग समेत बन रहे हैं कई अद्भूत संयोग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 08 Jul 2025 09:00 PM (IST)

    गरुड़ पुराण में वर्णित है कि हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025) के दिन पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से तीन पीढ़ी के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं व्यक्ति पर पितरों की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सुख-सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है।

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    Hariyali Amavasya 2025 Date: हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन महीने का प्रारंभ 11 जुलाई से हो रहा है। इस महीने से सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं। वहीं, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागृत होते हैं। उस दिन से सृष्टि का संचालन भगवान विष्णु करते हैं। इसके लिए सावन माह से लेकर कार्तिक महीने तक भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। वहीं, सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। आइए, हरियाली अमावस्या की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Hariyali amavasya 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन अमावस्या की शुरुआत 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट से होगी। वहीं, 25 जुलाई को देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस प्रकार 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

    शुभ योग (Hariyali amavasya 2025 Shubh Yoga)

    सावन अमावस्या पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और शिववास योग का संयोग बन रहा है। वहीं, समापन 25 जुलाई को सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर होगा।

    वहीं, हर्षण योग का शुभ संयोग सुबह 09 बजकर 51 मिनट तक है। अमृत सिद्धि योग का योग दिन भर है और समापन 25 जुलाई को सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर होगा। साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र शाम 04 बजकर 43 मिनट तक है। इसके बाद पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 16 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।