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    Hariyali Amavasya 2025:कब है हरियाली अमवस्या, नोट करें तारीख और पितरों के तर्पण-अर्पण के शुभ मुहूर्त…

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 05:54 PM (IST)

    हरियाली अमावस्या जिसे श्रावण अमावस्या भी कहते हैं इस साल 24 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन पितरों की शांति के लिए दान-तप और श्राद्ध कर्म करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। नारद पुराण के अनुसार श्रावण मास में दान पूजन और स्नान अक्षय फल देते हैं। हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025) पर व्रत और पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती है और पापों से मुक्ति मिलती है।

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    हरियाली अमावस्या पर व्रत और पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान भोलेनाथ का प्रिया महीना सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान प्रकृति सावन की छटा से हरी भरी और बहुत खूबसूरत हो जाती है। इसी वजह से इस महीने में आने वाले त्योहारों को हरियाली के नाम से संबोधित किया जाता है जैसे हरियाली तीज और हरियाली अमावस्या। 

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    हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025) को श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, जो इस साल 24 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनके मोक्ष के लिए कुछ विधान करने से न सिर्फ पितरों की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि भोलेनाथ का आशीर्वाद भी मिलता है। 

    नारद पुराण में बताया गया है कि श्रावण मास के दिन दान-तप, पूजन और स्नान ध्यान करने का होता है। इस दिन किए गए ये सभी कार्य अक्षय फल देने वाले माने जाते हैं। हरियाली अमावस्या को व्रत और पूजा करने से मनुष्य को जीवन में सुख समृद्धि मिलती है। मनुष्य के पूर्व में किए गए जाने-अनजाने पापों से मुक्ति मिलती है।

    हरियाली अमावस्या पर क्या करें 

    हरियाली अमावस्या के दिन यदि संभव हो, तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह संभव नहीं है, तो घर में ही बाल्टी में पहले गंगाजल की कुछ बूंदें डालें। उसके बाद में उसे पानी से भर लें और फिर स्नान करें। 

    इसके बाद में अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्राद्ध कर्म करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करना न भूले। 

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    ये रहेंगे शुभ मुहूर्त 

    हरियाली अमावस्या 24 जुलाई की रात 2:28 से प्रारंभ होगी और 25 जुलाई को सुबह 12:40 तक रहेगी। ऐसे में हरियाली अमावस्या की 24 जुलाई को मनाई जाएगी। 

    • ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:15 से 4:57 तक रहेगा। 
    • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान दान करना शुभ माना जाता है।
    • अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:55 तक है। 
    • अमृत काल दोपहर 2:26 से 3:58 तक रहेगा। 
    • पूरे दिन सर्वार्थ सिद्ध योग रहेगा। 
    • शाम को 4:43 से गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग बनेगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।