Mauni Amavasya के दिन इन जगहों पर जलाएं दीपक, पितृ होंगे प्रसन्न और बनेंगे बिगड़े काम
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म में इस तिथि को बेहद खास माना जाता है। माघ के महीने में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) मनाई जाती है। इस दिन मौन व्रत और दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे पितरों को शांति मिलती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या का त्योहार 29 जनवरी (Mauni Amavasya 2025 Date) को मनाया जाएगा। इस दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना और जप, तप और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष दूर होता है।
ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन कुछ जगहों पर दीपक जलाकर पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन किन शुभ जगहों पर दीपक जलाना फलदायी माना जाता है।
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आर्थिक तंगी होगी दूर
अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। साथ ही शाम के समय तेल का दीपक जरूर जलाएं। इस दौरान सच्चे मन से पितृ सूक्त का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को पितरों की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक समस्याएं से छुटकारा मिलता है।
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बनेंगे बिगड़े हुए काम
मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु के साथ महादेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इस दौरान कच्चे दूध में दही, शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही देसी घी का चौमुखी दीपक जलाएं। जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और शिव जी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शिव जी की पूजा में तिल का दीपक भी जला सकते हैं। इससे शंकर जी का आशीर्वाद बना रहेगा और सभी कष्ट दूर होंगे।
पितृ दोष की समस्या होगी दूर
मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दीपदान करें। पितरों को जल अर्पित करें। इससे पितृ दोष की समस्या दूर होगी और पूर्वजों की शांति प्राप्त होगी।
इन जगह पर भी जला सकते हैं दीपक
सनातन धर्म में पूजा-अर्चना करने के लिए दिशा का विशेष ध्यान रखें। अमावस्या की रात घर में उत्तर और पूर्व दिशा के बीच दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को विधिपूर्वक करने से पितरों और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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