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    Masik Durgashtami 2025 Date: किस दिन मनाई जाएगी दुर्गा अष्टमी? एक क्लिक में नोट करें मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 03 Mar 2025 07:00 AM (IST)

    धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2025) की पूजा करने से साधक के जीवन में नया सवेरा होगा। जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। मां की कृपा साधक पर बरसती है। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साधक दुर्गा अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की कठिन साधना करते हैं।

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    Masik Durgashtami 2025 Date: दुर्गा अष्टमी का महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फलों की प्राप्ति के लिए साधक अष्टमी का व्रत रखते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिष भी जीवन में व्याप्त दुखों से निजात पाने के लिए जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह देते हैं।

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    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन महीने में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा एवं साधना करने से साधक को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी सौभाग्य में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो अष्टमी तिथि पर भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा अवश्य करें। आइए, दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त एवं योग (Masik Durgashtami 2025 Date) जानते हैं-

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    मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 मार्च को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगी और 07 मार्च को सुबह 09 बजकर 18 मिनट पर होगी। उदया तिथि गणना अनुसार 07 मार्च को फाल्गुन माह की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। साधक 07 मार्च के दिन सुविधा अनुसार समय पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

    दुर्गा अष्टमी शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर प्रीति और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि और शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होगा। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में जगत की देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। बड़ी संख्या में भक्त जन मां दुर्गा के दर्शन हेतु मंदिर आते हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 40 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट पर
    • चंद्रोदय- दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 39 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 47 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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