Masik Durga Ashtami 2025 List: साल 2025 में कब-कब है मासिक दुर्गाष्टमी? नोट करें सही डेट और पूजा विधि
मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व बड़ा ही पावन माना जाता है। इस दिन जगत की जननी मां दुर्गा की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां दुर्गा के लिए सख्त उपवास रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं तो उनसे देवी मां खुश होती हैं तो आइए जानते हैं कि आखिर साल 2025 में मासिक दुर्गाष्टमी कब-कब मनाई जाएगी?

धर्म डेस्क,नई दिल्ली। मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत दुर्गा माता की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भक्त सच्ची भक्ति और शुद्धता का पालन करते हुए इस व्रत का पालन करते हैं। साथ ही दुर्गा मां की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। कहते हैं कि इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। मासिक दुर्गा का पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
साल 2025 में यह पर्व (Naye Saal Me Durga Ashtami Kab Kab hai?) कब-कब मनाया जाएगा? आइए यहां पर इसकी सही डेट और पूजा विधि जानते हैं, जो इस प्रकार है।
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 लिस्ट (Masik Durga Ashtami List 2025)
- जनवरी 23, 2025 दिन बुधवार।
- फरवरी 22, 2025 दिन शुक्रवार।
- मार्च 23, 2025 दिन शनिवार
- अप्रैल 21, 2025 दिन रविवार
- मई 20, 2025 दिन सोमवार
- जून 19, 2025 दिन बुधवार
- जुलाई 18, 2025 दिन बृहस्पतिवार
- अगस्त 17, 2025 दिन शनिवार
- सितम्बर 16, 2025 दिन सोमवार
- अक्टूबर 15, 2025 दिन मंगलवार
- नवम्बर 14, 2025 दिन बृहस्पतिवार
- दिसम्बर 14, 2025 दिन शनिवार
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मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि (Masik Durga Ashtami 2025 Puja Vidhi)
व्रती सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर मंदिर की सफाई-सफाई करें। एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। मां का पंचामृत से विधिवत अभिषेक करें। उन्हें कुमकुम का तिलक लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और गुड़हल की फूलों की माला अर्पित करें। सफेद मिठाई, सूखे मेवे और चना, पूरी, हलवा भोग लगाएं।
देवी के वैदिक मंत्रों का जाप करें। आरती से पूजा को पूर्ण करें। अंत में पूजा के दौरान हुई सभी गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें। तामसिक चीजों से दूरी बनाएं।
मां दुर्गा के पूजा मंत्र (Masik Durga Ashtami 2025 Puja Mantra)
1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
2. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
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