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    Mahatara Jayanti 2025: महातारा जयंती कब है? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 25 Mar 2025 04:24 PM (IST)

    महातारा जयंती पर बिहार के सहरसा जिले में स्थित शक्तिपीठ देवी मंदिर में जगत जननी की विशेष पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक मां के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं। देवी महातारा (Mahatara Jayanti 2025) की उपासना करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी अपार वृद्धि होती है।

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    Mahatara Jayanti 2025: महातारा जयंती पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महातारा जयंती मनाई जाती है। इस दिन जगत जननी आदिशक्ति देवी महातारा की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष काम में सफलता और दुख-दर्द से निजात पाने के लिए साधक व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है।

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    धार्मिक मत है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर देवी महातारा की उत्पत्ति हुई है। इस शुभ अवसर पर देवी महातारा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। तंत्र सीखने वाले साधक महातारा जंयती पर देवी महातारा की कठिन भक्ति एवं साधना करते हैं। कठिन साधना से प्रसन्न होकर मां अपने भक्तों की कृपा बरसाती हैं। आइए, महातारा जयंती की सही डेट (Mahatara Jayanti 2025 Kab hai) और शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।

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    महातारा जयंती 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Mahatara Jayanti 2025 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर होगी और 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 06 अप्रैल को महातारा जयंती मनाई जाएगी।  

    महातारा जयंती 2025 डेट और शुभ योग (Mahatara Jayanti 2025 Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी संयोग है। इन योग में जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर
    • चंद्रास्त- रात 03 बजे...
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 46 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।