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    Mahanavami 2025: शिववास समेत कई अद्भुत संयोग में मनाई जाएगी महानवमी, मिलेगा दोगुना फल

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 07:36 PM (IST)

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। वहीं शारदीय नवरात्र का समापन नवमी तिथि (Mahanavami 2025) को होता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से लेकर 01 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र है। इसके अगले दिन यानी गुरुवार 02 अक्टूबर को दशहरा है।

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    Mahanavami 2025 Date: महानवमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि देवी मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कामों में सिद्धि पाने के लिए व्रत रखा जाता है। देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होता है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा। साथ ही साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। आइए, शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    महानवमी शुभ मुहूर्त (Maha Navami Shubh Muhurat 2025)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मंगलवार 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट तक है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। आसान शब्दों में कहें तो मंगलवार 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर नवमी तिथि शुरू होगी। वहीं, बुधवार 01 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 01 मिनट तक नवमी है। इस प्रकार बुधवार 01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी।

    महानवमी शुभ योग (Maha Navami Shubh Yog 2025)

    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर शिववास संयोग बन रहे हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव कैलाश पर देवी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। शिववास योग शाम 07 बजकर 01 मिनट तक है।

    रवि योग

    शारदीय नवरात्र की महानवमी पर रवि योग का भी संयोग बन रहा है। रवि योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 06 मिनट से हो रहा है। इस योग में देवी मां की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा। साथ ही मां की कृपा से हर मनोकामना पूरी होगी।  

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- दोपहर 02 बजकर 28 मिनट पर
    • चंद्रास्त- रात 12 बजकर 53 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से 02 बजकर 57 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 31 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।