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    Lohri 2025 Date: नए साल में कब है लोहड़ी? नोट करें शुभ तिथि, मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 03 Dec 2024 01:33 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि पौष महीने में सूर्य देव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। ज्योतिष कुंडली में करियर और कारोबार में विशेष सफलता पाने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। इस महीने में लोहड़ी (Lohri 2025) मनाया जाता है।

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    Lohri 2025 Date: लोहड़ी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पौष महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। पौष महीने में ही लोहड़ी मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर सूर्य उत्तरायण होते हैं। लोहड़ी का पर्व देशभर में धूमधम से मनाया जाता है। खासकर, पंजाब समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर पंजाबी समुदाय के लोग संध्याकाल में आग का अलाव जलाते हैं। इस अलाव के चारों ओर लोक एकत्र होकर भांगड़ा और गिद्धा नृत्य करते हैं। इस दौरान लोग जलते अलाव में गेहूं की बालियां, रेवड़ी, मूंगफली, खील, चिक्की, गुड़ से निर्मित चीजें अर्पित करते हैं। आइए, लोहड़ी की तिथि (Lohri 2025 Date), मुहूर्त और योग जानते हैं-

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    सूर्य राशि परिवर्तन

    ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 14 जनवरी को सुबह 08 बजकर 44 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। आसान शब्दों में कहें सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। अतः साल 2025 में 14 जनवरी को मकर संक्रांति है।

    लोहड़ी

    ज्योतिषियों की मानें तो मकर संक्रांति तिथि से एक दिन पूर्व लोहड़ी मनाया जाता है। सूर्य देव 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अतः साल 2025 में 13 जनवरी को लोहड़ी मनाया जाएगा। 14 जनवरी को संक्रांति तिथि सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर है।

    धार्मिक महत्व

    लोहड़ी पर्व फसल पकने और तैयार होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान अग्नि देव की पूजा की जाती है। बिहू और वैशाखी की तरह लोहड़ी में भी अग्नि देव की पूजा होती है। धार्मिक मत है कि अग्नि देव की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं।

    योग

    ज्योतिषियों की मानें तो लोहड़ी के दिन दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ रवि योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में अग्नि देव की पूजा करने से अन्न एवं धन में वृद्धि होगी। लोहड़ी पर भद्रावास संध्याकाल 04 बजकर 26 मिनट तक है। इसके साथ ही आर्द्रा और पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।