Lalita Jayanti 2025: कब मनाई जाएगी ललिता जयंती, जानिए देवी के इस स्वरूप का महत्व और पूजा विधि
ऐसा कहा जाता है कि ललिता जयंती (Lalita Jayanti 2025 Date) के दिन देवी के इस स्वरूप की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कई साधक इस दिन पर व्रत भी करते हैं। मां ललिता को राजेश्वरी षोडशी त्रिपुर सुंदरी आदि नामों से भी जाना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं ललिता जयंती की पूजा विधि और महत्व।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल माघ के महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ललिता जयंती मनाई जाती है। इस दिन माता ललिता, जिन्हें शक्ति का अवतार माना जाता है की पूजा-अर्चना की जाती है। माता ललिता असल में दस महाविद्याओं में से तीसरी महाविद्या हैं। ऐसे में ललिता जयंती का दिन माता ललिता के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में ललिता जयंती कब मनाई जाएगी।
ललिता जयंती शुभ मुहूर्त (Lalita Jayanti 2025 Muhurat)
माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस प्रकार ललिता जयंती, जिसे षोडशी जयंती के नाम से भी जाना जाता है, बुधवार 12 फरवरी को मनाई जाएगी।
मां ललिता की पूजा विधि
- ललिता जयंती के दिन सूर्यास्त से पहले उठें।
- स्नान आदि से निवृत होने के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल की सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें।
- एक चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर मां ललिता की तस्वीर स्थापित करें।
- मां ललिता की तस्वीर की जगह आप श्रीयंत्र की भी स्थापना कर सकते हैं।
- पूजा में देवी को कुमकुम, अक्षत, फल-फूल और दूध से बनी खीर अर्पित करें।
- अंत में देवी ललिता की कथा का पाठ कर आरती करें।
- अंत में सभी लोगों में विशेषकर छोटी कन्याओं में प्रसाद बांटें।
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मिलते हैं ये लाभ
देवी पुराण में माता ललिता का वर्णन मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि माता ललिता की पूजा-अर्चना से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि माता ललिता की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं।
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