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    Krishnapingal Chaturthi 2025: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी कब है? यहां पता करें शुभ मुहूर्त और योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 20 May 2025 02:51 PM (IST)

    धर्मिक मत है कि भगवान गणेश (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2025) की पूजा करने से साधक को शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही घर में सुख शांति और ख ...और पढ़ें

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    Krishnapingal Chaturthi 2025: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का खास महत्व है। यह पर्व हर महीने धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कामों में सफलता और सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी (Krishna Pingala Sankashti Chaturthi 2025) की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 जून को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी। वहीं,  15 जून को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन होगा। तिथि गणना से 14 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर चन्द्रोदय का शुभ समय 10 बजकर 07 मिनट है।

    कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी शुभ योग (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Yoga)

    आषाढ़ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर इंद्र योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 13 मिनट से हो रहा है। साथ ही भद्रवास का भी योग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
    • चंद्रोदय- रात 10 बजकर 07 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 44 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 39 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

    शिववास योग

    कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर शिववास योग का संयोग है। इस योग का निर्माण दोपहर 03 बजकर 46 मिनट से हो रहा है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।