Shani Dhaiya: कन्या राशि के जातकों पर कब से शुरू होगी शनि की ढैय्या? इन उपायों से पाएं निजात
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। साथ ही साधक शनिदेव के निमित्त व्रत रखते हैं। शनिदेव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। न्याय के देवता शनिदेव की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। ज्योतिष भी जीवन में व्याप्त संकटों से निजात पाने के लिए शनिदेव की पूजा करने की सलाह देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ग्रहों के राजकुमार बुध देव कन्या राशि के स्वामी हैं। इस राशि के जातकों पर बुध देव की असीम कृपा बरसती है। उनकी कृपा से कन्या राशि के जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही कन्या राशि के जातक मधुरभाषी होते हैं। इस राशि के आराध्य भगवान गणेश हैं। इसके लिए ज्योतिष कन्या राशि के जातकों को भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कन्या राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या कब शुरू होगी और कैसे शनिदेव को प्रसन्न करें? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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केतु गोचर 2025
मायावी ग्रह केतु ने हाल ही में राशि परिवर्तन किया है। इससे पूर्व केतु कन्या राशि में विराजमान थे। 18 मई को केतु ने कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर किया है। राहु और केतु वक्री चाल चलते हैं। इसके लिए वक्री चाल चलकर सिंह राशि में गोचर किया है। राहु और केतु के राशि परिवर्तन से कई राशि के जातकों को लाभ मिला है।
शनि गोचर 2025
वर्तमान समय में न्याय के देवता देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में विराजमान हैं। इसके लिए कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। वहीं, मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हुई है। शनिदेव एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। इसके बाद अपनी स्थिति बदलते हैं। आसान शब्दों में कहें तो शनिदेव ढाई साल के बाद राशि परिवर्तन करते हैं। शनिदेव 03 जून, 2027 को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन से कन्या राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी।
शनि ढैय्या उपाय
न्याय के देवता शनिदेव की महिमा अपरंपार है। अपने भक्तों पर शनिदेव विशेष कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके लिए ज्योतिष देवों के देव महादेव की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान शिव जल और फल से जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके लिए सोमवार और शनिवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही शिव मंत्र का जप करें। इसके साथ ही सोमवार और शनिवार के दिन सफेद और काले रंग की चीजों का दान करें।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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