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    Karva Chauth 2025: करवा चौथ पर दुर्लभ शिववास योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, व्रत का मिलेगा पूरा फल

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 09:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में करवा चौथ पर्व (Karva Chauth Importance) का खास महत्व है। इस शुभ तिथि पर सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। वहीं अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह और मनचाहा जीवनसाथी के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    Karva Chauth 2025: करवा चौथ का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 10 अक्टूबर को करवा चौथ है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करवा माता की पूजा (Karva Chauth Puja Vidhi) करती हैं। साथ ही करवा माता के निमित्त व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही पति की आयु लंबी होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी करवा चौथ पर दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में चंद्र देव की पूजा करने से व्रत का पूर्ण फल मिलेगा। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    करवा चौथ शुभ मुहूर्त (Karva Chauth Shubh Muhurat)

    • कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू- 09 अक्टूबर को देर रात 10 बजकर 54 मिनट पर
    • कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन- 10 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर
    • करवा चौथ व्रत समय - सुबह 06 बजकर 19 मिनट से शाम 08 बजकर 13 मिनट तक
    • चंद्रोदय समय- शाम 08 बजकर 13 मिनट पर
    • करवा चौथ पूजा मुहूर्त-शाम 05 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक

    करवा चौथ शुभ योग (Karva Chauth Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग शाम 05 बजकर 41 मिनट तक है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दौरान पूजा-पाठ करने से व्रती को दोगुना फल प्राप्त होगा। देवों के देव महादेव शाम 07 बजकर 38 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी की सवारी करेंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 57 मिनट पर
    • चंद्रोदय- शाम 08 बजकर 13 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 48 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 57 मिनट से 06 बजकर 22 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।