Karva Chauth 2025 Date: कब है करवा चौथ? नोट करें शुभ मुहूर्त और योग
कार्तिक का महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस महीने में जग के नाथ भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इस शुभ अवसर पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। वहीं देवउठनी एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह (Karva Chauth 2025 Date) मनाया जाता है। इस दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। यह पर्व चंद्र देव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं संध्याकाल में स्नान-ध्यान के बाद चंद्र देव की पूजा करती हैं। साथ ही अखंड सौभाग्य के लिए करवा माता के निमित्त व्रत रखती हैं।
धार्मिक मत है कि करवा चौथ व्रत (Karva Chauth Puja Vidhi) करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही पति की आयु लंबी होती है। वर्तमान समय में अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। आइए, करवा चौथ व्रत की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
कब मनाया जाता है करवा चौथ व्रत?
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं। हालांकि, व्रती सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करती हैं। इसके बाद से निर्जला व्रत रखती हैं।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त (Karva Chauth Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 09 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार देर रात 10 बजकर 54 मिनट पर कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी। 10 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन होगा।
सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 10 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है। चंद्रोदय का समय संध्याकाल में 07 बजकर 42 मिनट पर होगा।
करवा चौथ शुभ योग (Karva Chauth Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। वहीं, संध्याकाल में 07 बजकर 38 मिनट से नंदी की सवारी करेंगे. इस दौरान पूजा-पाठ करने से व्रती को दोगुना फल प्राप्त होगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 16 मिनट पर
- चंद्रोदय- शाम 07 बजकर 42 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 08 बजकर 46 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 03 बजकर 53 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 21 मिनट से 02 बजकर 08 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 16 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 10 बजकर 59 मिनट से 11 बजकर 48 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Karwa Chauth Vrat पर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए जानें ये महत्वपूर्ण बातें
यह भी पढ़ें- 22 सितंबर से नवरात्र की शुरुआत, दुर्गा मूर्तियों का निर्माण शुरू, कारीगरों के सधे हाथ फूंक रहे प्राण
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।