Kajari Teej 2025: कजरी तीज की पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें, अभी से तैयार कर लें सामग्री लिस्ट
कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस साल कजरी तीज का व्रत 12 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन तीज माता या नीमड़ी माता की पूजा का भी विधान है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में आने वाली तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत किया जाता है। सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र, संतान संबंधी समस्याओं से मुक्ति और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए इस व्रत को करती हैं। साथ ही यह व्रत कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं।
ऐसे में यदि आप भी कजरी तीज का व्रत करती हैं, या फिर पहली बार यह व्रत कर रही हैं, तो पूजा में यह सामग्री (Kajari teej puja samagri) जरूर शामिल करें, ताकि आपकी पूजा में किसी तरह की बाधा न आए। चलिए पढ़ते हैं कजरी तीज की पूजा सामग्री लिस्ट।
कजरी तीज पूजा सामग्री लिस्ट (Kajari teej puja samagri)
- भगवान शिव और पार्वती की तस्वीर या मूर्ति
- तीज माता या नीमड़ी माता की तस्वीर
- पूजा की चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए साफ-सुथरा लाल वस्त्र
- मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी
- गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत
- केले के पत्ते, बेलपत्र, नीम की डाली
- कुमकुम, रोली, हल्दी, धूप, दीपक
- माता पार्वती को अर्पित करने के लिए 16 शृंगार की सामग्री
- धतूरा, दूर्वा, जनेऊ, सुपारी, अक्षत
- नारियल, कलश, फूल, फूल माला
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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मां पार्वती को चढ़ाएं ये चीजें
कजरी तीज (Kajari teej 2025) की पूजा में माता पार्वती को 16 शृंगार की सामग्री जैसे सिंदूर, बिंदी, चूडियां, मेहंदी, चुनरी, कुमकुम आदि जरूर अर्पित करनी चाहिए। माना जाता है कि इससे मां पार्वती आपको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही कजरी तीज की पूजा में मां पार्वती और भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। इससे भी साधक को सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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करें इन मंत्रों का जप
1. ॐ गौरीशंकराय नमः
2. ॐ उमा महेश्वराय नम:
3. ॐ पार्वतीपतये नमः
4. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौरी देव्यै नमः
5. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौरी देव्यै नमः
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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