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    Kajari Teej 2025 Date: कब और क्यों मनाई जाती है कजरी तीज? यहां नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 31 Jul 2025 05:00 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि कजरी तीज (Teej Teej 2025) का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है। कजरी तीज के दिन दान करने से साधक पर भगवान शिव और जगत की देवी मां अन्नपूर्णा की कृपा बरसती है।

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    Kajari Teej 2025 Date: कजरी तीज का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन कजरी तीज मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए कजरी तीज के दिन शिव-शक्ति के निमित व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप (Kajri Teej vrat benefits) से महिलाओं को मनोवांछित फल मिलता है।

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    इसके लिए व्रती कजरी तीज के दिन व्रत रख भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा करती हैं। कहते हैं कि इस व्रत को करने से व्रती को संतान (पुत्र) सुख भी मिलता है। आइए, कजरी तीज की सही डेट और शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    कजरी तीज शुभ मुहूर्त (Teej Teej 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 अगस्त को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। जानकारों की मानें 12 अगस्त को कजरी तीज मनाई जाएगी। यह पर्व देश के कई राज्यों में मनाया जाता है।

    कजरी तीज शुभ योग (Teej Teej 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर सुकर्मा योग (Teej Teej Ravi Yoga Benefits) समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। कजरी तीज पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग पूरी रात है। वहीं, शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को व्रत का पूरा फल मिलता है।

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    नक्षत्र एवं चरण

    भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी कजरी के दिन (Teej Teej 2025) मघा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का संयोग है। साथ ही उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बनेगा। इसके साथ ही बव एवं बालव करण के योग हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।