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    Kajari Teej 2025: सुकर्मा समेत कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी कजरी तीज, बरसेगी महादेव की कृपा

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 06 Aug 2025 07:34 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि कजरी तीज (Teej Teej 2025 Yoga) के दिन देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। वहीं अविवाहित लड़कियों को न केवल मनचाहा वर मिलता है बल्कि शीघ्र विवाह के भी योग बनते हैं।

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    Kajari Teej 2025: कजरी तीज का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 12 अगस्त को कजरी तीज है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जााता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाएगा। कजरी तीज का व्रत विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां करती हैं।

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    ज्योतिषियों की मानें तो कजरी तीज के शुभ मौके पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा एवं भक्ति करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए, कजरी तीज का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    कजरी तीज शुभ मुहूर्त (Teej Teej 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर शुरू भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 12 अगस्त को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 12 अगस्त को कजरी तीज मनाई जाएगी।

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    कजरी तीज शुभ योग (Teej Teej 2025 Shubh Yog)

    कजरी तीज पर सुकर्मा योग (TeejYoga Benefits) का संयोग शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है। ज्योतिष सुकर्मा योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। इसके साथ ही भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रात भर है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक को मनचाहा फल मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 49 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 03 मिनट पर
    • चंद्रोदय- सुबह 08 बजकर 59 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।