Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Durga Puja 2025: महा सप्तमी पर सौभाग्य योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, बरसेगी मां काली की कृपा

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 06:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में महा सप्तमी (Maha Saptami 2025 Yoga) तिथि का खास महत्व है। महा सप्तमी की रात में निशा पूजा होती है। वहीं अष्टमी को संधि पूजा की जाती है। देवी मां काली की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। नवरात्र के दौरान करने से अक्षय फल मिलता है।

    Hero Image
    Durga Puja 2025: महा सप्तमी पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 29 सितंबर को शारदीय नवरात्र की महा सप्तमी तिथि है। इस शुभ अवसर पर ममतामयी देवी मां काली की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही मां काली के निमित्त व्रत रखा जाएगा। महा सप्तमी तिथि पर निशा पूजा भी की जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र की महा सप्तमी पर सौभाग्य योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां काली की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। आइए, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं-  

    महा सप्तमी शुभ मुहूर्त (Maha Saptami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 31 मिनट तक महा सप्तमी है। इसके बाद आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। इस प्रकार 29 सितंबर को महा सप्तमी और 30 सितंबर को महा सप्तमी मनाई जाएगी।

    महा सप्तमी शुभ योग (Maha Saptami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की महा सप्तमी तिथि पर सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग का संयोग देर रात 01 बजकर 03 मिनट तक है। इसके बाद शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। भद्रावास योग संध्याकाल 04 बजकर 31 मिनट से है। इन योग में देवी मां काली की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट पर
    • चंद्रोदय- दोपहर 12 बजकर 51 मिनट से...
    • चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 55 मिनट तक
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 58 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट से 06 बजकर 33 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: दुर्गा अष्टमी के दिन इन राशियों पर बरसेगी मां दुर्गा की कृपा, जरूर करें ये खास उपाय

    यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 8th Day: मां महागौरी की पूजा कैसे करें? इस दौरान क्या भोग लगाएं और किस मंत्र का जप करें?

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।